ओपीडी के मरीज तड़पते रहे उपचार के लिए, दोपहर बाद पीजी डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त
डीएमसीएच के पीजी डॉक्टरों की हड़ताल सोमवार की दोपहर से समाप्त हो गई। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने यह घोषणा की।
दरभंगा। डीएमसीएच के पीजी डॉक्टरों की हड़ताल सोमवार की दोपहर से समाप्त हो गई। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने यह घोषणा की। इससे छह अगस्त से ओपीडी के मरीजों को राहत मिलेगी। चार दिनों से मरीज उपचार के लिए बिलबिला रहे थे। इधर पीजी डॉक्टरों की घोषणा से पूर्व ही ओपीडी तय समय पर बंद हो गए। इसके कारण ओपीडी के मरीज उपचार के लिए दिन भर तड़पते रहे। डीएमसीएच में आए दूरदराज के मरीजों की उम्मीद थी कि सुबह से ओपीडी चालू हो जाएगा। लेकिन दरभंगा समेत अन्य जिलों से आए मरीजों पर चौथे दिन भी आफत टूटा। ओपीडी के मेन गेट का ताला सुबह से नहीं खुला। यह देख मरीज और परिजन सिर पर हाथ रखकर ओपीडी के पेड़ के नीचे बैठ गए। सप्ताह का पहला दिन सोमवार होने को लेकर मरीजों और परिजनों की भीड़ उमड़ी थी। तय समय के अनुसार सुबह आठ बजे ओपीडी को कोई न बंद कराने आया और न ही किसी कर्मी ने ओपीडी का ताला खोलने की जरूरत समझी। अन्य वार्डो में सामान्य दिनों की तरह उपचार हुआ। जेडीए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अविनाश कुमार के अनुसार, वर्तमान अध्यक्ष ने पीजी डॉक्टरों की हड़ताल एक बजे के बाद समाप्त होने की जानकारी दी है। सभी पीजी डॉक्टरों ने दोपहर में विभाग में योगदान कर लिया है। मरीजों की पीड़ा देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। डॉक्टरों का मरीज ने क्या बिगाड़ा..
बसंतगंज मोहल्ला से आई सुनीता देवी ने आक्रोश व्यक्त करते हुए बताया कि डॉक्टरों का उसने क्या बिगाड़ा है, जो यहां उपचार को बंद करा दिया है। सदर प्रखंड के मौलगंज गांव निवासी सोहन सदाय का कहना था कि गरीब का एक ही सहारा डीएमसीएच है। उस पर भी हड़ताल की नजर लग गई। परिजन ने दुखड़ा सुनाते हुए बताया कि इन हड़तालियों का झगड़ा सरकार से है। वे लोग सरकार के समक्ष जाकर हड़ताल करें। गरीबों की आह लेना ठीक नहीं है। भगवान सब देख रहे हैं।