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मिथिला विवि के कालेजों में दो सौ छात्रों पर एक शिक्षक, कैसे हो पढ़ाई

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के अधीन 42 अंगीभूत एवं 32 संबद्ध कालेज हैं। इसके साथ ही विश्वविद्यालय में 21 स्नातकोत्तर विभाग चल रहे हैं। इन कालेजों और विभागों से प्रति वर्ष लाखों की संख्या में विद्यार्थी डिग्री लेकर निकलते हैं। और लाखों नामांकन लेकर पढ़ाई शुरू करते हैं। लेकिन इन जगहों पर उच्च शिक्षा का स्तर बढ़ाने और इसे व्यवस्थित करने के लिए प्रोफेसर्स की दरकार है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Nov 2021 11:50 PM (IST)Updated: Mon, 08 Nov 2021 11:50 PM (IST)
मिथिला विवि के कालेजों में दो सौ छात्रों पर एक शिक्षक, कैसे हो पढ़ाई
मिथिला विवि के कालेजों में दो सौ छात्रों पर एक शिक्षक, कैसे हो पढ़ाई

दरभंगा । ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के अधीन 42 अंगीभूत एवं 32 संबद्ध कालेज हैं। इसके साथ ही विश्वविद्यालय में 21 स्नातकोत्तर विभाग चल रहे हैं। इन कालेजों और विभागों से प्रति वर्ष लाखों की संख्या में विद्यार्थी डिग्री लेकर निकलते हैं। और लाखों नामांकन लेकर पढ़ाई शुरू करते हैं। लेकिन इन जगहों पर उच्च शिक्षा का स्तर बढ़ाने और इसे व्यवस्थित करने के लिए प्रोफेसर्स की दरकार है। शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों को पढ़न-पाठन में समस्या झेलनी पड़ती है। वर्तमान में विवि के अधीन स्नातकोत्तर विभाग और कालेजों में नामांकित विद्यार्थियों की संख्या दस लाख से अधिक है। जबकि दरभंगा, समस्तीपुर, मधुबनी और बेगूसराय में संचालित अंगीभूत कालेजों में शिक्षकों की संख्या लगभग 15 सौ और संबद्ध कालेजों में दो हजार हैं। इसके साथ ही विवि के स्नातकोत्तर 21 विभागों में लगभग 150 शिक्षक कार्यरत हैं। यानि विवि के अधीन विभिन्न कालेजों और स्नातकोत्तर विभाग में लगभग 3650 शिक्षक कार्यरत हैं। यूजीसी के गाइडलाइन के अनुसार, शिक्षक-छात्र का अनुपात 40 विद्यार्थी पर एक शिक्षक होना चाहिए। जबकि हाल यह है कि इन कालेजों में लगभग 200 छात्रों में एक ही शिक्षक हैं। इस कमी को पाटने के लिए कम से कम पांच हजार से अधिक शिक्षकों की और जरूरत है। शिक्षकों की रिक्तियां भरने की जगह स्नातक पाठ्यक्रम में जोड़े जा रहे अतिरिक्त सीटें

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विश्वविद्यालय के अधीन अंगीभूत 41 कालेजों में संचालित स्नातक पाठ्यक्रम के इतिहास, राजनीति विज्ञान, भूगोल, गणित सहित दो दर्जन से अधिक विषयों में 10200 सीटें अतिरिक्त जोड़ी गई है। बिहार सरकार ने उच्च शिक्षा में छात्रों के सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को बढ़ाने के लिए विवि के अधीन 41 कालेजों में अतिरिक्त 10200 सीटों की मंजूरी दी है। इसमें दरभंगा के 14 कालेज, मधुबनी के 13, समस्तीपुर के 12 सहित बेगूसराय के भी कालेजों में संचालित स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में अतिरिक्त सीटें जोड़ी गई है। बता दें कि बिहार सरकार सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) बढ़ाने देने को लेकर बिहार के विभिन्न विवि के अधीन कालेजों में संचालित पाठ्यक्रों में अतिरिक्त सीट जोड़ने की मंजूरी दी है। लेकिन इन कालेजों में यूजीसी मानक के अनुरूप शिक्षकों का घोर अभाव है। हालांकि विवि स्तर पर अतिथि शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद शिक्षक-छात्र अनुपात में सुधार की बात कही जा रही है।


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