घायल सैनिकों की सेवा के लिए नाइटिगेल ने डाली मार्डन नर्सिंग की नींव : प्राचार्य
रूस के क्रिमिया में युद्ध के दौरान घायल सैनिकों की सेवा करते-करते फ्लोरेंस नाइटिगेल द लेडी विद द लैंप बन गईं। मरीजों की सेवा के लिए उन्होंने माडर्न नर्सिंग की नींव डाली। उनका जन्म 12 मई 1820 को हुआ था। उन्हीं के जन्मदिन को पूरा विश्व इंटरनेशनल नर्सिंग डे के रूप में मनाता है।
दरभंगा । रूस के क्रिमिया में युद्ध के दौरान घायल सैनिकों की सेवा करते-करते फ्लोरेंस नाइटिगेल 'द लेडी विद द लैंप' बन गईं। मरीजों की सेवा के लिए उन्होंने माडर्न नर्सिंग की नींव डाली। उनका जन्म 12 मई 1820 को हुआ था। उन्हीं के जन्मदिन को पूरा विश्व इंटरनेशनल नर्सिंग डे के रूप में मनाता है। हम सभी को उनकी सेवा भावना से प्रेरणा लेकर मरीजों की सेवा करनी चाहिए। उपरोक्त बातें गुरुवार को बीएससी नर्सिंग के प्रथम बैच के प्रथम वर्ष के छात्रों के कैंपिग एवं शपथ ग्रहण समारोह में दरभंगा मेडिकल कालेज के सभागार में प्राचार्य डा. केएन मिश्रा ने कही।
मौके पर अधीक्षक डा. हरिशंकर मिश्रा ने नर्सिंग को सिर्फ आजीविका का आधार ना बनाकर पूरी तरह से मानवता की सेवा में समर्पित करने की अपील की। कहा- आजकल ऐसे निजी नर्सिंग स्कूल और कालेजों की बाढ़ सी आ गई है, जहां पर सिर्फ सर्टिफिकेट के लिए नर्सिंग की पढ़ाई हो रही है। नर्सिंग छात्र-छात्राओं का यह सौभाग्य है कि वे भारत के प्राचीनतम मेडिकल कालेज से जुड़े स्कूल और कालेज में दाखिला लिए हैं। जिन्होंने सेवा का उच्चतम मापदंड स्थापित किया है।
डा. ओम प्रकाश ने कहा कि फ्लोरेंस नाइटिगेल ने नर्सिंग की आधारभूत चीजें जैसी हाइजीन एवं स्टैटिसटिक्स को स्थापित किया। उनके लिखे नर्सिंग नोट्स नर्सों को क्या करना और क्या ना करना चाहिए आज भी प्रासंगिक हैं। उपाधीक्षक डा. हरेंद्र कुमार ने नए नर्सिंग छात्र-छात्राओं को नर्सिंग सेवा में नाम करने की सलाह दी। इसके पूर्व नर्सिंग कालेज की प्रभारी प्राचार्य भवानी भारती ने आगत अतिथियों का स्वागत किया। मौके पर कालेज के शिक्षिकाओं एवं छात्र- छात्राओं की ओर से रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।-
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जीएनएम स्कूल में भी मनी जयंती
जासं., दरभंगा : दरभंगा मेडिकल कालेज, अस्पताल के जीएनएम स्कूल दरभंगा की ओर से जीएनएम छात्रावास में फ्लोरेंस नाइटिगेल का जन्मदिन मनाया गया। जयंती समारोह के मौके पर अधीक्षक डा. हरिशंकर मिश्रा ने कहा कि मरीजों की सेवा करें और जीवन को सफल बनाएं। जीएनएम स्कूल की प्राचार्या सुधा कुमारी ने कहा कि नर्सिंग सेवा एक तपस्या है। इससे मरीजों को नई जिदगी मिलती है। इस मौके पर नर्सिंग छात्राओं के अलावा शिक्षक समेत अन्य सभी अधिकारी उपस्थित थे।
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