चुनौतीपूर्ण समय को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अवसर में बदलने की जरूरत : कुलपति
दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में सोमवार को स्नातक स्तरीय केंद्रीयकृत आनलाइन वर्ग संचालन का कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने आनलाइन उद्घाटन किया।
दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में सोमवार को स्नातक स्तरीय केंद्रीयकृत आनलाइन वर्ग संचालन का कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने आनलाइन उद्घाटन किया। कहा आज के बुरे समय में डिजिटल प्लेटफॉर्म की आवश्यकता हर वर्ग महसूस कर रहा है। आज के बुरे समय में घातक कोरोना महामारी एक आपदा के रूप में हमारे समक्ष उपस्थित है। आपदा को अवसर में बदलते हुए उसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर शैक्षणिक विकास की गतिविधियों को गतिशील करना जरूरी है। अधूरा कचड़े ज्ञान को समाप्त करने के लिए हमारे समक्ष एक मात्र विकल्प आनलाइन प्लेटफॉर्म और तमाम तरह के माड्यूल मौजूद हैं। योग्यतम शिक्षक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पूरे भारत और विश्व में सर्वोत्तम रूप में उपस्थित है। इसलिए इस चुनौतीपूर्ण समय को हमें डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अवसर में बदलने की जरूरत है। प्रतिकुलपति प्रो. डॉली सिन्हा ने कहा कि कि किसी भी विश्वविद्यालय या शैक्षणिक संस्थान का केंद्र बिदु छात्र हैं। छात्र हित ही हमारा सर्वोपरि हित है। समाज विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. गोपी रमण प्रसाद सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष भी डिजिटल माध्यम से वर्ग संचालन में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय प्रदेश का नंबर वन विश्वविद्यालय बना। इस वर्ष भी आनलाइन वर्ग संचालन पूरे उत्साह के साथ किया जाना चाहिए। मानविकी संकाय संकायाध्यक्ष प्रो. रमन झा ने कहा कि सही समय में तो सभी अवसर का लाभ लेकर आगे बढ़ते हैं लेकिन वे सभी इस विपरीत समय में कठिन श्रम से अवसर बनाते हुए योजनाओं को सफल बना रहे हैं वे बधाई के पात्र हैं। शिक्षा एक ऐसा धन है जो जितना खर्च किया जाए उतना ही बढ़ता है। धन्यवाद ज्ञापित प्रो. केके साहू ने किया। वहीं आनलाइन कार्यक्रम में सीसीडीसी डा. महेश प्रसाद सिन्हा, सभी संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, प्रधानाचार्य, विषय- संयोजक, विकास पदाधिकारी, निदेशक आइक्यूएसी भी मौजूद थे।
केंद्रीयकृत आनलाइन वर्ग संचालन से छात्र-छात्राओं को पहुंचेगा लाभ
विज्ञान संकाय संकायाध्यक्ष प्रो. बीएस झा ने कहा केंद्रीयकृत आनलाइन वर्ग संचालन की पहल विवि के छात्र-छात्राओं के लिए अतिआवश्यक है। छात्रों को इसका भरपूर लाभ लेना चाहिए। जो छात्र तकनीकी रूप से सक्षम नहीं हैं वे दूसरे छात्रों के सहयोग से इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।