बच्चों के सिर पर शीतल जल डाल मां ने की उनके लंबी उम्र की कामना की
दरभंगा । जिले में गुरुवार को हर्षोल्लास के बीच जुड़ शीतल का त्योहार मनाया गया। इस दौरान घर
दरभंगा । जिले में गुरुवार को हर्षोल्लास के बीच जुड़ शीतल का त्योहार मनाया गया। इस दौरान घर ही महिलाएं अहले सुबह से ही बासी पानी अपने घरों के बच्चों के सर पर देकर उन्हें जुगाड़ी नजर आई। आंगन सहित घर के दरवाजे को पानी से धोया गया। पेड़-पौधे की जड़ों पर पानी दिया गया। दरवाजे पर चावल व बड़ी का भोग लगाया गया।
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बेनीपुर : क्षेत्र में जुड शीतल का पर्व हर्षोल्लास के बीच मनाया गया। अहले सुबह से ही बुजुर्ग महिलाओं द्वारा बासी पानी से बच्चों को जुड़ाया गया तथा उनका सफल भविष्य का कामना भगवान से की। बच्चों ने भी अपनी दादी व मां के पांव छूकर आशीर्वाद लिए। लोगों ने पानी से अपने अपने बगीचा के वृक्षों को भी जुड़ाया। लोगों ने आज बासी भात व बडी भी अपने अपने घरों में ग्रहण किया। इधर शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में बच्चों द्वारा धुरखेल भी खेला गया। धुरखेल में एक-दूसरे को जमकर मिटी लगाई गई। कई गांवों में बच्चों द्वारा शिव-पार्वती की आकर्षक झांकी भी निकाली गई। जानकारों का कहना था कि आज का दिन बहुत खास होता है। मां अपने बच्चों को बासी पानी लेकर सर पर हाथ रखकर इसलिए जुड़ाती हैं कि सालों भर बच्चे की माथा शीतल रहे। बासी बरी इसलिए खिलाती हैं कि सालों भर उनका पेट ठंडा रहे। वृक्षों को भी बासी बरी और जल चढाया गया। पहले लोग जुडशीतल पर्व के अवसर पर कुश्ती भी खेलते थे। लेकिन, अब यह परंपरा क्षेत्र में लगभग समाप्त हो गई है।
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केवटी : पौराणिक परंपरा और आस्था का पर्व जूड़शीतल प्रखंड क्षेत्र में कोविड - 19 के गाइडलाइन का पालन करते हुए श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। महिलाओं ने पवित्र जल में स्नान कर पूजा अर्चना की और रात का भोजन चूल्हे पर बतौर प्रसाद चढ़ाया। इससे पूर्व अहले सुबह बुजुर्ग महिलाएं अपने से छोटे लोगों के सिर पर साल भर शीतलता की कामना के जुड़ायल रहूं.. कहते हुए जल रखी। इसके बाद घर के प्रवेश द्वार तक पहुंचने वाले रास्तों पर शीतल जल का छिड़काव किया। वहीं, पुरुष पेड़ - पौधे, फल - फूल पर जल का छिड़काव करते नजर आए। मान्यता हैं कि जुड़शीतल के दिन रास्ते पर शीतल जल का छिड़काव करने से परिजन सब दिन शीतल रहते है तथा सुख समृद्धि प्राप्त करते है।
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कुशेश्वरस्थान : मिथिलांचल का लोक पर्व जुड़ शीतल क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। अहले सुबह परिवार की बुजुर्ग महिला अपने-अपने परिजनों के सिर पर पवित्र शीतल जल डालकर उनके दीर्घायु होने की कामना की। वहीं, परिवार के सदस्यों ने बुजुर्ग महिलाओं का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया। हिरणी, हरिनगर, सकिरना, आसो गांव में इस अवसर पर जम कर कादो-माटी खेला गया। खासकर युवाओं ने एक-दूसरे को कादो-माटी लगाकर शुभकामनाएं दी।