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एमसीआइ टीम की जांच से डीएमसीएच में रही अफरातफरी

दिल्ली मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की टीम ने शुक्रवार को डीएमसीएच के एमबीबीएस पठन-पाठन का जायजा लिया। यह टीम ने ओपीडी इमरजेंसी वार्ड रेडियोलॉजी और गायनिक वार्ड में एमबीबीएस के पठन-पाठन और फैकल्टी जायजा लिया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 02:07 AM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 06:15 AM (IST)
एमसीआइ टीम की जांच से डीएमसीएच में रही अफरातफरी
एमसीआइ टीम की जांच से डीएमसीएच में रही अफरातफरी

दरभंगा। दिल्ली मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की टीम ने शुक्रवार को डीएमसीएच के एमबीबीएस पठन-पाठन का जायजा लिया। यह टीम ने ओपीडी, इमरजेंसी वार्ड, रेडियोलॉजी और गायनिक वार्ड में एमबीबीएस के पठन-पाठन और फैकल्टी जायजा लिया। तीन सदस्यीय टीम ने लैपटॉप, पेन ड्राइव और हार्ड कॉपी में रिपोर्ट दर्ज कर दिल्ली के लिए रवाना हो गई। यह टीम 48 घंटों के भीतर एमसीआई को रिपोर्ट सौंप देगी। एससीआइ की जांच के दौरान डीएमसीएच में अफरा-तफरी मची रही। एमसीआई की गठित दो कमेटियों में एमबीबीएस में 90 से 100 सीटों पर नामांकन को क्लिन चीट देगी। इस टीम में कर्नाटक मेडिकल कॉलेज के डॉ. मरी राज और डॉ. गिरीश वी ठाकुर व महाराष्ट्र के डॉ. सतीश कुमार शामिल थे। इसके पूर्व तीन सदस्यीय टीम ने इस परिसर में आते ही तीनों सदस्यों ने तीन तरफा निरीक्षण पर चले गए। इसमें टीम के एक सदस्य क्लिनिकल, एक सदस्य नन क्लिनिकल और एक सदस्य डॉक्टरों के भौतिक सत्यापन के लिए लेक्चर थिएटर में जम गए। किसी को संभलने के लिए मौका तक नहीं दिया गया। परिसर में जो जहां थे, वे वहां से ही डीएमसीएच के बाहर रहने वाले डॉक्टरों को मोबाइल पर एमसीआई टीम की आने की सूचना देने में जुटे थे। टीम के रवाना होने तक डॉक्टरों के आने जाने का क्रम जारी रहा। यहां डॉक्टर टीम को कागजातों और भौतिक सत्यापन को लेकर लेक्चर थिएटर में जमे थे। यहां 217 प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर , 98 सीनियर रेजिडेंट और 17 जुनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के भौतिक सत्यापन और उसके कागजातों को जायजा लेने में जुटे थे। दूसरी ओर टीम के जायजा लेने के दौरान जर्जर भवन को देखकर भौचक दिखे। एक सदस्य ने इमरजेंसी वार्ड में गंभीर मरीजों के यूनिट बंद होने पर विफर गए। ओपीडी में महिला-पुरूष की जांच घर अलग-अलग नही देख टीम निराश थे। इसके अलावा टीम ने चिकित्सकों की बहाली, फोटोग्राफी विभाग, स्टेटिक मोबाइल एक्स-रे की आपूर्ति समेत अन्य 13 मामलों का जायजा लिया गया। इसके पहले एमसीआइ की टीम ने जुलाई में इस कोर्स के पठन-पाठन का जायजा लिया था। इस दौरान टीम ने कई खामियों की ओर इशारा किया था। इसपर प्राचार्य ने दो माह पूर्व एमसीआइ को कंप्लायंस रिपोर्ट भेजी थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि एमसीआइ टीम की ओर से उजागर खामियों को दूर कर दिया गया है। प्राचार्य के पत्र पर एमसीआइ टीम यहां जायजा लेनी आई थी। मालूम हो कि एमसीआइ ने 2013 में 90 से 100 सीटें बढ़ाई थी। एमसीआई ने यह सीट बढ़ाने के साथ कहा था कि पांच वर्षों के भीतर बढ़े सीटें मानक पर पठन-पाठन मानक पर नहीं रहेंगी, तो बढ़े सीटों के नामांकन पर रोक लगा दी जाएगी।

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