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पर्यावरण संरक्षण: वैवाहिक बंधन में बंधने से पहले सौ पौधे लगाई दरभंगा की ममता

बिहार के दरभंगा की रहने वाली ममता कुमारी ने पर्यावरण संरक्षण को ले एक मिसान कायम की। वैवाहिक बंधन में बंधने से पहले उसने संकल्प के तौर पर 100 पौधे लगाये।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Thu, 28 Jun 2018 08:07 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jun 2018 08:07 PM (IST)
पर्यावरण संरक्षण: वैवाहिक बंधन में बंधने से पहले सौ पौधे लगाई दरभंगा की ममता
पर्यावरण संरक्षण: वैवाहिक बंधन में बंधने से पहले सौ पौधे लगाई दरभंगा की ममता

दरभंगा [जेएनएन]। अगर दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो कहीं किसी माहौल में व्यक्ति समाज के लिए मिसाल बनकर समाज को एक नया संदेश दे सकती है। ऐसा ही मिसाल और समाज के लिए संदेशवाहक बनी है बिहार के दरभंगा जिले के कबीर चक पंचायत के बेहट निवासी सहदेव यादव एवं गायत्री देवी की पुत्री ममता कुमारी।

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ममता अपनी नई जिंदगी यानी विवाह के बंधन में बंधने से पहले संकल्प के तौर पर 100 पौधा लगाई। 6 फरवरी 1996 को एक गरीब परिवार में जन्मी ममता दो भाई और दो बहनों में दोनों भाई से छोटी और बहन से बड़ी है। इनका शिक्षा दीक्षा ग्रामीण परिवेश में हुई है। इस परिवेश में भी स्नातोकोत्तर की डिग्री हासिल की। मैट्रिक कर्पूरी ठाकुर उच्च विद्यालय छिपलिया से पास की है। वहीं इंटरमीडिएट और ग्रेजुएशन लोहिया चरण सिंह महाविद्यालय दरभंगा एवं पोस्ट ग्रेजुएशन मिथिला विश्वविद्यालय से की है।

बचपन से ही ममता पेड़ पौधा लगाने एवं योगाभ्यास करने के प्रति दृढ़ संकल्पित थी। मिडिल क्लास में पढ़ने के दौरान कई बार योगा कार्यशाला में यह पुरस्कृत हो चुकी है। 27 जून को हायाघाट प्रखंड के बलहा निवासी आशीष विभव के साथ सात फेरे लेने के बाद बाबुल के घर को पेड़ पौधों से सजाने के बाद पर्यावरण संरक्षण के संकल्प के साथ ससुराल विदा हुई।

ग्रामीण रामदेव यादव, मनोज यादव आदि का कहना है कि ऐसी विलक्षण कन्या हमारे समाज को भाग्य से मिला, जो अब रुखसत होकर बलहा अपने पति के घर जा रही है। भगवान से हमारी कामना है कि ऐसे ही समाज को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने के प्रति दृढ़ संकल्पित रहे।

ससुराल में भी पेड़ पौधा लगाने का जज्बा कम नहीं होगा। पति के साथ मिलकर उस समाज के अन्य लोगों को भी पेड़ पौधा लगाने के लिए उत्प्रेरित करेंगी। मायके में अब तक पूरे गांव में करीब एक हजार पौधा लगाई है। लक्ष्य जिंदगी में अधिक से अधिक पौधा लगाना और लोगों को रोग मुक्त रहने के लिए योगाभ्यास कराना है। लोगों के लिए यह संदेश है कि किसी भी पर्व त्योहार, शादी विवाह या शुभ कार्य के मौके पर अधिक से अधिक पेड़ पौधा लगाएं। जिससे गांव और समाज स्वच्छ रहेगा। लोग बीमारी से बचेंगे और स्वच्छ हवा ले पाएंगे।

ममता कुमारी।

हमारी बेटी लक्ष्मी के समान है। जब तक मेरे घर रही, पेड़ पौधों की हरियाली से घर- आंगन महकता रहा।

सहदेव यादव, ममता के पिता।

बचपन से ही हमारी बेटी को पेड़ पौधा लगाने के प्रति बहुत रुचि थी। वह खुद भी पेड़ पौधा लगाती थी और मुझे भी लगाने के लिए उत्प्रेरित करती थी।

गायत्री देवी, ममता की मां।


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