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कर्मियों की सेवा नियमितीकरण के लिए सरकार को भेजा पत्र

कामेश्वर ¨सह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग के परिनियमों व पाठ्यक्रमो में परिमार्जन, संशोधन व परिशोधन के लिए आयोजित त्रिदिवसीय कार्यशाला का शुक्रवार को शुभारंभ हुआ।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 01:21 AM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 01:21 AM (IST)
कर्मियों की सेवा नियमितीकरण के लिए सरकार को भेजा पत्र
कर्मियों की सेवा नियमितीकरण के लिए सरकार को भेजा पत्र

दरभंगा । कामेश्वर ¨सह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग के परिनियमों व पाठ्यक्रमो में परिमार्जन, संशोधन व परिशोधन के लिए आयोजित त्रिदिवसीय कार्यशाला का शुक्रवार को शुभारंभ हुआ। कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने कहा कि शिक्षा शास्त्री में नामांकित छात्र सिर्फ छात्र नहीं बल्कि छात्र शिक्षक हैं और उन्हें अनुशासित रहना बहुत जरूरी है। जो संस्कार व संस्कृति वे आज शिक्षा शास्त्र विभाग में सीखेंगे, वही कल होकर वे बच्चों को भी प्रदान करेंगे। कक्षाओं में सभी छात्र शिक्षकों की उपस्थिति को जरूरी बताते हुए कहा कि अगर लगातार दस दिनों तक कोई छात्र शिक्षक अनुपस्थित होते हैं तो यह सूचना उनके अभिभावकों को भेजी जाएगी। वीसी ने आवश्यकता के हिसाब से पाठ्यक्रमों में संशोधन को कई उदाहरणों के जरिए आवश्यक बताया। उन्होंने खुलासा किया कि शिक्षा शास्त्र विभाग के सभी कर्मियों की सेवा नियमितीकरण के लिए उन्होंने सरकार को प्रस्ताव भेजा है। पीआरओ निशिकांत के अनुसार डॉ. नंदकिशोर चौधरी के संचालन में शुरू हुई कार्यशाला 17 फरवरी तक चलेगी। प्रोवीसी प्रो. चंद्रेश्वर प्रसाद ¨सह ने चरित्र निर्माण पर जोर देते हुए कहा कि युग व समय के हिसाब से सभी पाठ्यक्रमों में बदलाव जरूरी है। उन्होंने सुझाया कि किस विषयों को पढ़ाएं से बेहतर है कि उन विषयों को कैसे व किस तरह पढ़ाएं, इस पर मंथन होना चाहिए। कहा कि शिक्षा शास्त्र विभाग छात्र नहीं, शिक्षक तैयार कर रहा है। शिक्षिका डॉ. रीता ¨सह ने अतिथियों का स्वागत किया और विषय वस्तु के साथ वर्तमान पाठ्यक्रमों को विस्तार से रखा। विशेषज्ञ के रूप में ¨सडिकेट सदस्य प्रो. विनय कुमार चौधरी ने कार्यक्रम के अवसर पर छात्र शिक्षकों की कमजोर उपस्थिति पर ¨चता जाहिर की और नई नियमावली में इस ओर भी ध्यान देने को जरूरी बताया। एनसीटीई के पूर्व सदस्य व एससीआरटी के पूर्व निदेशक प्रो. एएस मोईन ने कहा कि अगर पाठ्यक्रम उत्साहवर्धक होंगे और कैंपस की गतिविधियां भी सकारात्मक होंगी तो छात्रों की उपस्थिति हर हाल में बढ़ेगी। राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान लखनऊ परिसर के प्रो. लोकमान्य मिश्र व प्रो. एलएन पांडे के अलावा जम्मू परिसर के प्रो. मदन मोहन झा भी विषय विशेषज्ञ के रूप में कार्यशाला में मौजूद थे। शैक्षणिक सत्र में विशेषज्ञों ने विषय वस्तु पर विचार विमर्श किया। निदेशक डॉ. घनश्याम मिश्र ने अतिथियों को सम्मानित किया।

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