भारत महापुरुषों की धरती : आदर्श पटवा
दरभंगा जिला रविदास सेवा संघ की ओर से मंगलवार को संत शिरोमणी रविदास जी की 642 वीं जयंती मुसा साह मध्य विद्यालय में मनाई गई।
दरभंगा। दरभंगा जिला रविदास सेवा संघ की ओर से मंगलवार को संत शिरोमणी रविदास जी की 642 वीं जयंती मुसा साह मध्य विद्यालय में मनाई गई। समारोह की अध्यक्षता संघ के जिलाध्यक्ष बलराम राम ने की। समारोह का उदघाटन करते आदर्श पटवा ने कहा कि भारत महापुरुषों की धरती रही है, जिसमें संतशिरोमणि रविदास जी महान संतों में अग्रणी है। वहीं, लनामिविवि के एनएसएस पदाधिकारी डॉ. विनोद बैठा ने कहा कि देश में दलितों के अधिकार व न्याय को सत्ताधारी लोग सुलझाने में असफल साबित हो रहे है। लोगों को जात और धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है। ऐसे लोगों को संत रविदास के विचारों को समझना होगा। समाजसेवी डॉ. विश्वनाथ राम ने कहा कि 6 सौ वर्ष पहले संत रविदास ने धार्मिक ता के जंजीरों को तोड़ा और कुरीतियों का मजबूती से विरोध किया। शंभू यादव ने कहा कि आज बाबा साहेब के संविधान पर हमला हो रहा है। संविधान में मनुवादी विचारों को थोपा जा रहा है। शिवन यादव ने कहा कि रविदास समाज के शैक्षणिक व आर्थिक उत्थान को आगे किए बिना इसका विकास संभव नहीं है। बलराम राम ने कहा कि देश में महापुरुषों की संतानों का उत्पीड़न किया जा रहा है। रविदास समाज का उत्थान बाबा साहेब के संविधान में प्रदत्त अधिकार के तहत होगा। इस दौरान संघ की ओर से रविदास समाज की सुरक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार की मांग की गई। साथ ही मांग की गई कि अनुसूचित जाति के आरक्षण कोटे को बढ़ाया जाए। मौके पर रंजीत राम, मुन्ना राम, जीतेंद्र राम, शंभू राम, लालकिशोर राम, रामजतीन राम, राजेश राम, कमल राम, रामनंदन राम, अर्जुन राम, सजन राम आदि मौजूद थे। वहीं दूसरी ओर, आरएलआर पब्लिक स्कूल सभागार में मंगलवार को संत गुरु रविदास जयंती मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया गया। सभा को संबोधित करते विद्यालय के निदेशक डॉ. सूर्यनारायण चौधरी ने कहा कि संत रविदास का जीवन हमें सच्चाई, मन की निर्मलता, सामाजिक समता एवं भाईचारे का सीख देता है। हमें उनके उपदेशों को अपने जीवन में अपनाकर आगे बढ़ना चाहिए। विद्यालय के प्राचार्य डॉ. फिरोज आलम खान ने बच्चों को सच्चाई के मार्ग पर चलने की शिक्षा दी। इस दौरान छात्रों ने संत रविदास जी के निर्मल व पवित्र जीवन से जुड़े कई प्रेरक कहानियों के माध्यम से अपने विचार प्रकट किए।
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