कमला-बलान का जलस्तर बढ़ने से बढ़ी बैचेनी, आधा दर्जन गांव पर बाढ़ का खतरा
दरभंगा। कमला-बलान नदी में आई बाढ़ से घनश्यामपुर के लगभग डेढ़ दर्जन गांव प्रभावित हो गए हैं। नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि व मूसलाधार बारिश ने लोगों की बैचेनी बढ़ा दी है।
दरभंगा। कमला-बलान नदी में आई बाढ़ से घनश्यामपुर के लगभग डेढ़ दर्जन गांव प्रभावित हो गए हैं। नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि व मूसलाधार बारिश ने लोगों की बैचेनी बढ़ा दी है। बताया जाता है कि नदी के दोनों तटबंधों के बीच बसे लगभग एक दर्जन गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। बाउर, बैद्यनाथपुर, कनकी-मुसहरी, नवटोलिया, गिदराही, लगमा मुसहरी, जमरीडीह आदि गांव की हालत नाजुक बताई जा रही है। बाढ़ प्रभावित गांव की अधिकांश सड़कें डूबी हुई है। स्कूलों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है। बाउर-घनश्यामपुर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क पर तीन से चार फीट तक पानी बह रहा है। पानी और अधिक बढ़ने की आशंका से लोग डरे हुए हैं। एक तरफ नदियों का बढ़ रहा जलस्तर तो दूसरी तरफ हो रही बारिश लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। मूसलाधार बारिश से कई मकान गिर गए हैं। दूसरी ओर, तटबंध के टूटान के पास पैकिग के ऊपर से बाढ़ का पानी घनश्यामपुर के कंट्री एरिया के गांव में फैल रहा है। जिससे कुमरौल, बुढ़ेब, हरिपुर, बदिया, घनश्यामपुर, लगमा, गनौन, पाली आदि गांव प्रभावित हो गए हैं। बाढ़ का पानी तेजी से नए इलाके के चौर में फैलने लगा है। लोगों के समक्ष पशुचारा, खाद्यान्न, जलावन, पेयजल आदि की समस्या उत्पन्न हो गई है। बाढ़ से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। इस बीच, सीओ दीनानाथ कुमार ने कुमरौल के टूटान का निरीक्षण कर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। सीओ ने बताया कि दो स्थानों पर सामुदायिक किचेन चल रहा है। जहां-जहां नाव की जरूरत है, वहां नाव मुहैया कराई गई है। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। जलस्तर में कमी है। उम्मीद जताई कि देर रात तक नदी के जलस्तर में कमी आएगी। बता दें कि पूर्व में आई बाढ़ से हजारों की आबादी प्रभावित हुई थी। बाढ़ खत्म हुए कुछ ही दिन हुए थे कि अचानक चार दिनों से लगातार हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है।
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