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संस्कारहीन शिक्षा देश एवं समाज के लिए घातक

लनामिविविद्यालय महिला प्रौद्योगिकी संस्थान में सत्र 2018-22 की छात्राओं के लिए 14वां शैक्षणिक सत्रारंभ गुरुवार को विवि के जुबली हॉल में हुआ।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 09:51 PM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 09:51 PM (IST)
संस्कारहीन शिक्षा देश एवं समाज के लिए घातक
संस्कारहीन शिक्षा देश एवं समाज के लिए घातक

दरभंगा। लनामिविविद्यालय महिला प्रौद्योगिकी संस्थान में सत्र 2018-22 की छात्राओं के लिए 14वां शैक्षणिक सत्रारंभ गुरुवार को विवि के जुबली हॉल में हुआ। कुलपति प्रो. सुरेन्द्र कुमार ¨सह शिक्षा का उद्देश्य को समझाते हुए कहा की शिक्षा, जीविकोपार्जन से बढ़कर समाज और देश के लिए एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए होता है। चुनौतियां हमेशा अवसर प्रदान करती है। जीवन में सकारात्मकता तथा भविष्य के लिए एक रोडमैप का होना आवश्यक है। संस्कारहीन शिक्षा देश और समाज के लिए घातक है। छात्राओं को संस्थान में शिक्षा के दौरान उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामना दी। कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय ने छात्राओं को आज के प्रतिस्पर्धा के दौर में अपनी मेहनत, लगन एवं योग्यता के आधार पर पहचान बनाने की सलाह दी। उन्हे सतत अध्ययन करने की प्रेरणा दी। पूर्व कुलसचिव डॉ. नरेश कुमार झा ने छात्राओं को विशेषकर टीचींग एवं लर्निंग में अंतर को समझाया। निदेशक डॉ. एम नेहाल ने स्वागत संबोधन किया। संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रश्मि ने किया। मौके पर डीन विज्ञान प्रो. कल्याणी पांडेय, प्रो. आइएन मिश्रा, प्रो. प्रेम मोहन मिश्रा, निदेशक दूरस्थ शिक्षा निदेशालय प्रो. सरदार अरविन्द ¨सह समेत कई अभिभावक मौजूद थे।

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