हार्डवेयर बाजार में लौटी रौनक, लॉकडाउन के बाद 50 फीसद बढ़ा बाजार
देश की जीडीपी में 29 प्रतिशत और निर्यात में 48 फीसद का योगदान देने वाले लघु-मध्यम कारोबार 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मुहैया कराते हैं लेकिन कोरोना काल में यह समूह काफी दबाव में है। गूगल-कंतार की रिपोर्ट बताती है कि आधे से अधिक कारोबारी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकारें कारोबारियों को इस स्थिति से उबारने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं लेकिन इतने भर से काम नहीं चलेगा। इसमें आप सभी का साथ चाहिए।
दरभंगा । देश की जीडीपी में 29 प्रतिशत और निर्यात में 48 फीसद का योगदान देने वाले लघु-मध्यम कारोबार 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मुहैया कराते हैं, लेकिन कोरोना काल में यह समूह काफी दबाव में है। गूगल-कंतार की रिपोर्ट बताती है कि आधे से अधिक कारोबारी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकारें कारोबारियों को इस स्थिति से उबारने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं, लेकिन इतने भर से काम नहीं चलेगा। इसमें आप सभी का साथ चाहिए। गुरुवार को दैनिक जागरण की टीम ने ''''मेक स्मॉल स्ट्रांग'''' अभियान के तहत हार्डवेयर दुकानदारों से लॉकडाउन व कोरोना काल के बीच व्यवसाय में हो रहे बदलाव के बारे में जानकारी ली। हार्डवेयर बाजार के कारोबारियों ने कहा कि लॉकडाउन के बाद हार्डवेयर बाजार में लगभग 50 फीसद का इजाफा हुआ है। धीरे-धीरे व्यापार में हुए नुकसान की भरपाई हो रही है।
कोरोना काल के बीच आर्थिक मंदी के बाद भी कर्मचारियों की दी सैलरी
शहर के लहेरियासराय स्थित न्यू बाबा हार्डवेयर स्टोर के संचालक मनीष कुमार पूर्वे ने कहा कि लॉकडाउन के शुरूआती तीन महीने व्यवसाय ठप रहा। लेकिन इस बीच कर्मचारियों को किसी भी तरह की दिक्कतें नहीं आने दी। सभी को पूरी सैलरी दी। कहा कि लॉकडाउन में हार नहीं मानी। उम्मीद कायम थी कि एक ना एक दिन कोरोना संक्रमण से लड़ते हुए व्यापार को मजबूती प्रदान करूंगा। इसमें सफलता भी मिल रही है।
डिजिटल प्लेटफार्म ने दिया साथ, ग्राहकों तक पहुंचाई होम डिलीवरी
दरभंगा टॉवर स्थित ज्योति हार्डवेयर के संचालक विवेक चौधरी कहते हैं, लॉकडाउन अवधि के बीच डिजिटल माध्यम से व्यापार को आगे बढ़ाया। हमारे यहां तीन हजार से अधिक ग्राहकों के फोन नंबर सुरक्षित हैं। बहुत से ग्राहक लॉकडाउन के दौरान वाट्सएप पर हार्डवेयर संबंधित सामानों के लिस्ट भेज देते थे। इन्हें ससमय होम डिलिवरी पहुंचा दिया जाता था। वहीं डिजिटल माध्यम से इन ग्राहकों से पेमेंट लिया जाता था।
---------