समावेशी शिक्षा से विवि का उतरोत्तर विकास : कुलपति
दरभंगा। मिथिला के पारंपरिक परिवेश में समावेशी शिक्षा का उतरोत्तर विकास हो रहा है।
दरभंगा। मिथिला के पारंपरिक परिवेश में समावेशी शिक्षा का उतरोत्तर विकास हो रहा है। शोध से जुड़े विभिन्न विषयों में राष्ट्रीय सेमिनार, प्राचीन पांडुलिपियों का प्रकाशन, हेरीटेज की स्थापना, कॉलेजों में दीक्षा समारोह के साथ-साथ सौर उर्जा का भी शुभारंभ किया गया है। दशवें दीक्षा समारोह में वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए लनामिवि के कुलपति प्रो. एसके सिंह ने मंगलवार को डॉ. नागेंद्र झा स्टेडियम में उक्त बातें कही। सत्र नियमितिकरण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि स्नातक पार्ट टू का रिजल्ट गत सितंबर में प्रकाशित हो गया। स्नातक एवं स्नातकोत्तर का दीक्षारंभ हो चुका है। खेल दिवस का भी आयोजन किया गया है। इसी परिपेक्ष्य में अमरजीत कुमार की उन्होंने चर्चा की, जिनका चयन कराटे के लिए वल्ड कप प्रतियोगिता के लिए किया गया है। कुलपति ने दूरस्थ शिक्षा में उपलब्धियों को गिनाते हुए बताया कि इसमें 80 हजार छात्र-छात्राएं नामांकित है। इसके अलावा 332 छात्र-छात्राओं का डिस्टेंस में चयन किया गया है। नैक की चर्चा करते हुए कुलपति ने कहा कि अधिकांश अंगीभूत महाविद्यालयों में नैक मूल्यांकन हो चुका है। कुछ कॉलेज बाकी है, जिन्होंने मूल्यांकन संबंधी प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने कुलाधिपति को आश्वस्त किया कि उनके मार्गदर्शन के आलोक में विवि एवं इससे जुडे महाविद्यालय लगातार उसके क्रियान्वयन में लगे है।