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मिथिला के आतिथ्य सत्कार से अभिभूत दिखे राज्यपाल

दरभंगा । घड़ी की सूई ज्यों-ज्यों दीक्षा समारोह के निर्धारित समय की ओर बढ़ रही थी त्यों-त्यों डॉ.नागेंद्र झा स्टेडियम की ओर विद्यार्थियों के कदम उत्साह के साथ बढ़ रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 12:40 AM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 12:40 AM (IST)
मिथिला के आतिथ्य सत्कार से अभिभूत दिखे राज्यपाल
मिथिला के आतिथ्य सत्कार से अभिभूत दिखे राज्यपाल

दरभंगा । घड़ी की सूई ज्यों-ज्यों दीक्षा समारोह के निर्धारित समय की ओर बढ़ रही थी, त्यों-त्यों डॉ.नागेंद्र झा स्टेडियम की ओर विद्यार्थियों के कदम उत्साह के साथ बढ़ रहे थे। विद्यार्थियों के चेहरे के भाव बयां कर रहे थे कि कार्यक्रम को लेकर वे कितने उत्सुक हैं। हर कोई समय से पूर्व समारोह स्थल पहुंच अपना स्थान सुरक्षित करना चाह रहा था। समारोह में शरीक होने वाले यूं तो अलग-अलग विषयों के छात्र-छात्राएं, अलग-अलग क्षेत्र व वर्ग से ताल्लुकात रखते हैं, लेकिन उन सबों में एक समानता थी। सभी छात्र-छात्राएं शिक्षक और गणमान्य सभी सिर पर मैथिली पाग पहने मिथिला की संस्कृति को समेटे महामहिम के समक्ष इसकी समृद्धि का बोध करा रहे थे। साड़ी और कुर्ता-पैजामा में पंडाल मे बैठे छात्र कुलाधिपति के हाथों डिग्री लेने के लिए उत्सुक हो रहे थे। बस इतनी सी तमन्ना थी कि कब वह घड़ी आएगी, जब उनका नाम पुकारा जाएगा। समारोह में शरीक होने समस्तीपुर से पहुंचे डॉ.राजीव कुमार ने बताया कि मिथिला की पारंपरिक वेशभूषा में आना बहुत अच्छा लग रहा है। सभी एक पोषाक में नजर आ रहे हैं। किसी भी छात्र के लिए यह पल यादगार लम्हा होता है। बताया कि समारोह में भाग लेने के लिए सुबह पौने छह बजे ही वे समस्तीपुर से निकल गए। वहीं, सीमा कुमारी ने बताया कि समारोह को लेकर वे पिछले एक सप्ताह से इस घड़ी का इंतजार कर रही थी। बताया कि यहां आकर बहुत अच्छा लगा। खासकर मिथिला की वेशभूषा में आना एक अलग अनुभव है। इधर, शिक्षक से लेकर तमाम अधिकारी राज्यपाल के आगमन को लेकर पलकें बिछाए हुए थे। जैसे ही घड़ी की सूई 11:28 मिनट पर पहुंची कि कुलाधिपति का हेलीकॉप्टर राज मैदान के ऊपर मंडराने लगा। हेलीकॉप्टर के राज मैदान में उतरते ही धूल की आंधी उठी। इसके बाद विद्यार्थी और मौजूद लोग राज्यपाल को देखने के लिए बैचेन होने लगे। यूं तो हेलीकॉप्टर के राज मैदान में उतरने के साथ ही मिथिला विवि परिसर को देखकर राज्यपाल ने यह सहज अनुमान लगा लिया होगा कि मिथिला के आतिथ्य सत्कार की चर्चाएं देश और विदेशों में क्यों होती है और यहां के लोग अपने अतिथि को भगवान का दर्जा क्यों देते हैं। हालांकि, मंच पर आने से पूर्व राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान मिथिला का पाग पहनाकर मैथिल संस्कृति के गवाह बने। मिथिला विवि अपने अतिथि के स्वागत को लेकर रेड कारपेट बिछाए खड़ा था। गार्ड ऑफ आर्नर के बाद जैसी ही राज्यपाल का काफिला डॉ.नागेंद्र झा स्टेडियम में पहुंचा कि शोभायात्रा के नचारी गीत आजु नाथ एक व्रत महासुख लागैय हे, आहे शिव तैहे धरहु नटवेश की डमरू बजाबहु हे' की धुन पर उनका स्वागत किया गया। इसके बाद सभी अपनी सीट से खड़े होकर राज्यपाल का अभिवादन करने लगे। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ और फिर बुके देकर स्वागत से समारोह शुरू हो गया।

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