धर्म का सही ज्ञान प्राप्त कर भक्ति के सुंदर फल को प्राप्त करें : विद्यानंद दास
एक ही वस्तु को हम सभी अनेकों नाम से पुकारते हैं जैसे पानी,जल,नीर ठीक उसी प्रकार भगवान एक है। हिन्दु,सिख,मुसलमान भी एक है।
दरभंगा । एक ही वस्तु को हम सभी अनेकों नाम से पुकारते हैं जैसे पानी,जल,नीर ठीक उसी प्रकार भगवान एक है। हिन्दु,सिख,मुसलमान भी एक है। उक्त बातें सिमरी में कबीर विचार प्रचार प्रसार संघ के सदस्य संत साहब विधानंद दास ने कही। कहा कि राम, कृष्ण जो है वही रहीम और हजरत तो आपस में लड़ाई काहे का। जबतक हम धर्म का सही ज्ञान प्राप्त कर पारखी नहीं बन जाते तब तक भक्ति के सुंदर फल को प्राप्त नहीं कर सकते। धर्म के नाम पर ¨हसा,आडंबर, छल, प्रपंच अंधविश्वास ज्ञान के अभाव के कारण है। अगर मानव को जीवन में सच्चा गुरु मिल जाए तो शिष्य का कल्याण निश्चित है। कंसी के किशुन दास व सुबालक दास ने
कबीर दर्शन की सूक्ष्म विवेचना कर भक्ति गीत प्रस्तुत किया। अध्यक्षता जयनारायण भगत ने की। कहा कि भरवाड़ा कबीर आश्रम के दिवंगत संत बौआ साहब का संदेश हम सब के लिए अनुकरणीय है। सादगी जीवन का पथ हर मानव को सुखद अनुभूति देता है। कबीर आश्रम के शिष्य भागनारायण दास ने कहा कि प्रत्येक वर्ष भंडारा सह सत्संग मानव के अहंकार को कम करता है। मौके पर कबीर पंथ की मीना देवी ने शब्द कीर्तन के माध्यम से गुरुवाणी पाठ प्रस्तुत किया। सदगुरु कबीर के वचनों पर आधारित साहब बंदगी की जय जयकार से भक्त संत ने भंडारा में शामिल होकर प्रसाद ग्रहण किया। साहब राम प्रकाश चौरसिया के संचालन में शिवधारी यादव, डॉ. विलास भगत, विवेक कुमार, गुरुचरण भगत, महादेव दास, नीरज कुमार, लालबाबू भगत ने आगत अतिथि का सत्कार कर कबीर के उपदेश का श्रवण किया।