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देश में पहली बार मिथिलांचल में आयरन शीट पाइल का बांधों में हुआ काम

दरभंगा । सूबे के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि देश में पहली बार मिथिलांचल में ब

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 12:58 AM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 05:07 AM (IST)
देश में पहली बार मिथिलांचल में आयरन शीट पाइल का बांधों में हुआ काम
देश में पहली बार मिथिलांचल में आयरन शीट पाइल का बांधों में हुआ काम

दरभंगा । सूबे के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि देश में पहली बार मिथिलांचल में बांध निर्माण में आयरन शीट पाइल का काम हुआ। इसका सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि जहां पहले बांध टूट जाया करती थी, वहां इस बार ऐसा नहीं हुआ। जबकि, पिछली बार की अपेक्षा इस वर्ष पानी का अधिक दबाव था। जल संसाधन विभाग की ओर से मिथिलांचल को बाढ़मुक्त कराने की दिशा में कई कदम उठाए गए है। कई पर कैबिनेट की मुहर लग गई है, जल्द ही टेंडर हो जाएगा। कई योजनाओं की कागजी कार्रवाई पूरी हो चुकी है, इसपर भी जल्द मुहर लग जाएगी। मिथिलांचल के संपूर्ण भू-भाग को बाढ़ से मुक्ति दिलाने की दिशा में काम चल रहा है। पिछले दिनों आइआइटी रुडकी के प्रोफेसर ने इस भाग का सर्वे किया था। बाढ़ के स्थायी निदान की दिशा में टीम ने कुछ सुझाव दिए, जिसपर विभाग अमल कर रहा है। प्रत्येक वर्ष बाढ़ के कारण इस इलाके में बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान होता आ रहा है। बाढ़ के बारे में देखा और सुना जरुर करते थे, लेकिन वर्ष 2007 में बाढ़ को नजदीक से देखने का मौका मिला। हनुमाननगर प्रखंड के बाढ़ग्रस्त इलाके का दौरा करने के क्रम में यह बात दिमाग में आई कि जब भी कभी मौका मिला, मिथिलांचल के लोगों के इस दर्द को मिटा दूंगा। मुख्यमंत्री ने जब इस विभाग की जवाबदेही सौंपी और जब काम करने का मौका मिला तो बाढ़ के स्थाई निदान के विभिन्न पहलुओं पर विशेषज्ञों की टीम के साथ विचार-विमर्श हुआ। यह तय हुआ कि आयरन शीट पाइल का उपयोग कर बांधों को सुरक्षित किया जा सकता है। विभाग ने इसपर काम करना शुरु किया, लेकिन कोरोना में बांधों का काम आंशिक रुप से प्रभावित हुआ। बावजूद विभागीय अभियंताओं और स्थानीय लोगों की मदद से तटबंधों का काम चलता रहा। बाढ़ के दौरान किसी गांव में बांध टूटने की सूचना मिली तो विभागीय अभियंताओं के साथ-साथ वहां के ग्रामीणों ने भी इसमें काफी मदद की। आने वाले कुछ दिनों में बैराज से लेकर कई बांधों का निर्माण होना है। कई बांधों पर ब्लैकटॉप किया जाएगा।

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हवाई अड्डा और एम्स के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार बधाई के पात्र

जल संसाधन मंत्री ने कहा कि दरभंगा में एम्स की स्थापना और उड़ान योजना स्कीम के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार धन्यवाद के पात्र है। एम्स और एयरपोर्ट शुरु हो जाने से दरभंगा की ना केवल सूरत बदलेगी, बल्कि यह क्षेत्र आर्थिक ²ष्टिकोण से भी संबल हो जाएगा।

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मंत्री को सौंपा ज्ञापन

लाल शहपुर निवासी कामाख्या नारायण सिंह ने मंत्री को ज्ञापन सौंप खिरोई नदी के बाएं बांध पर सड़क बनाने की मांग की। कहा कि यदि इसपर सड़क का निर्माण करा दिया जाए तो दरभंगा से सीतामढ़ी की दूरी महज 35 किमी हो जाएगी। इससे लोगों को काफी साहूलियत होगी। वहीं, पूर्व पार्षद सह जदयू नेता मदन प्रसाद राय ने मांग पत्र सौंप मंत्री से आग्रह किया कि अधवारा समूह नदी जो दरभंगा शहर डीटीपी एवं खिरोई नदी के बीच में रहने वाले लाखों को बाढ़ एवं जलजमाव से बचाने के लिए बांध और पुल का निर्माण किया जाए। मंत्री ने दोनों को आश्वस्त किया कि जल्द ही इस दिशा में पहल की जाएगी।


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