फास्ट फूड का उपयोग बच्चों के लिए खतरनाक
स्वास्थ्य पर स्वाद को तरजीह देने के चक्कर में बच्चे भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
दरभंगा। स्वास्थ्य पर स्वाद को तरजीह देने के चक्कर में बच्चे भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। मनाही के बावजूद शहर के नामी स्कूलों के पास भोजनावकाश के समय सजती फास्ट फूड की दुकानों पर उमड़ते बच्चों पर न तो स्कूल प्रबंधन की रोक है और न ही प्रशासन की। बच्चे तो बच्चे हैं उन्हें तो चटपटे स्वादिष्ट भोजन चाहिए उन्हें क्या पता कि यही फास्ट फूड भविष्य में उनके स्वास्थ्य को बिगाड़ उन्हें रोगी भी बना सकता है। डॉक्टरों की मानें तो बाल्यावस्था में फास्ट फूड या डिब्बाबंद खाना खाने वाले बच्चों में रक्तचाप ,मधुमेह ,हृदयाघात ,गैस्टिक जैसी गंभीर बीमारियां जन्म लेती हैं। फास्ट फूड खाने वाले बच्चों में अत्यधिक मोटापा या सुस्ती जैसी समस्या अब आम हो गई है। खाद्य प्रसंस्करण विभाग को भी शायद ही कभी इसकी फिक्र होती होगी कि स्कूलों के सामने फास्ट फूड की दुकानें न लगने दी जाए।
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स्कूल प्रशासकों ने कहा
फास्ट फूड स्कूल में लाने या खाने पर पूरी तरह प्रतिबंध है। कोशिश करते हैं कि स्कूल के आस-पास भी कोई फास्ट फूड की दुकान न लगे। ठेला खोमचा वालों पर मनाही का असर पड़ता है लेकिन स्थायी दुकानदार का कुछ नहीं कर सकते। इसी कारण से बच्चों को ही फास्ट फूड खाने से बचने के लिए जागरूक करते हैं।बच्चों के माता-पिता को भी लंच बॉक्स में घर का बना खाना देने की सलाह देते हैं।
श्यामानंद झा, प्रशासक
रोज पब्लिक स्कूल लहेरियासराय
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फास्ट फूड खाने से बचने के लिए हर तरह से बच्चों को जागरूक किया जाता है। समय-समय पर बच्चों के लंच बॉक्स और किताब बैग की तलाशी भी ली जाती है।फिर भी यदि किसी बच्चे के पास इस तरह की सामग्री मिलती है तो अभिभावकों को इसकी सूचना देकर समझाने की कोशिश करते हैं।
अश्विनी कुमार, प्राचार्य
माउंट समर स्कूल सैदनगर
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बच्चों के अभिभावकों को भी इसके उपयोग करने पर रोक लगाने के लिए कहते हैं। स्कूल के सभी शिक्षकों को भी इस पर विशेष नजर रखने की हिदायत दी गई है। लंच बॉक्स में ताजा खाना देने का अनुरोध अभिभावकों से किया जाता है। स्कूल के निकट फास्ट फूड की दुकानें खोलने से भी लोगों को रोका जाता है।
एच इश्तेयाक अहमद, प्राचार्य
इंडियन पब्लिक स्कूल, एकमीघाट
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बच्चों के स्वास्थ्य के लिए फास्ट फूड स्वीट पाइजन है। स्वाद के चक्कर में बच्चे बड़े चाव से खाते हैं लेकिन इसका बुरा प्रभाव उन्हें नजर नहीं आता। कई बार बच्चे घर का खाना पीना छोड़ कर फास्ट फूड खाने पर ही निर्भर हो जाते हैं इसका परिणाम होता है कि बच्चों में असामान्य मोटापा, ब्लड प्रेशर,शुगर, कोलेस्ट्रोल, यूरिक एसिड एवं हृदयघात जैसी गंभीर बीमारियां बढ़ जाती हैं। इरशाद आलम, कार्डियोलॉजिस्ट सिटी हॉस्पिटल