बच्चों में भावनात्मक परिवर्तन का नाम है किशोरावस्था
दरभंगा। स्कूलों में नामांकित बच्चे जब किशोरावस्था में पहुंचते हैं तो उनमें शारीरिक एवं भावनात्मक परिवर्तन की ज्वाला उठती है।
दरभंगा। स्कूलों में नामांकित बच्चे जब किशोरावस्था में पहुंचते हैं तो उनमें शारीरिक एवं भावनात्मक परिवर्तन की ज्वाला उठती है। यह वह आयु होती है जब बच्चे इसे बीमारी का भी नाम दे देते हैं। लेकिन किसी को बताते नहीं। ऐसे में सहज एवं असहज स्पर्श, लिग एवं सेक्स और इनसे जुड़े मुद्दे का विस्तारपूर्वक ज्ञान उन्हें देना जरूरी हो जाता है। इसके लिए आवश्यक है कि शिक्षक बच्चों के साथ मित्रवत व्यवहार करें तभी वह उनकी समस्या से अवगत हो सकेंगे और उनके अंदर उठने वाली जिज्ञासा को शांत कर सकेंगे। स्थानीय एक होटल के सभागार में कोरस्टोन फाउंडेशन ऑफ इंडिया तथा बिहार शिक्षा परियोजना के संयुक्त तत्वावधान में 67 विद्यालयों के शिक्षकों की तीन दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए गुरुवार को बिहार शिक्षा परियोजना की कार्यक्रम पदाधिकारी किरण कुमारी ने उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के साथ अब शिक्षक निर्धारित सत्रों का संचालन करेंगे तथा इन विषयों पर उन्हें जानकारी देंगे। यूथ फर्स्ट कार्यक्रम का आयोजन बिहार के दो जिलों में किया जा रहा है। इसके तहत पटना एवं दरभंगा में चयनित विद्यालयों में यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। बच्चों के भावनात्मक समुत्थान पाठ्यक्रम पर शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसमें बच्चों के चारित्रिक गुण, भावनाओं की पहचान, कठिन भावनाएं एवं उनका प्रबंधन, चेतनावस्था, लक्ष्य निर्धारण एवं अपने लक्ष्य तक पहुंचने का कौशल सिखाना मुख्य उद्देश्य है। इस कार्यक्रम के तहत बच्चों में प्रेम करुणा और क्षमा के सार्वभौमिक सिद्धांतों एवं मानव शक्तियों की पहचान कराना भी शिक्षकों का दायित्व होगा। इससे बच्चे अपने अंदर की क्षमताओं की पहचान कर अपने लक्ष्य तक पहुंचने को प्रेरित होंगे। इससे बच्चे अपने समक्ष उत्पन्न होने वाली चुनौतियों, कठिनाइयों, परेशानियों से बाहर निकल कर कुछ नया सीख सकेंगे एवं अर्थ पूर्ण जीवन बीता सकेंगे। इस अवसर पर समग्र शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी संजय कुमार देव कन्हैया ने भी उपस्थित शिक्षकों से कार्यक्रम के विषय पर बात की तथा उनसे आवश्यक जानकारी प्राप्त की। उन्होंने शिक्षकों को विभागीय स्तर पर हर संभव सहयोग प्रदान करने के लिए आश्वस्त किया। प्रशिक्षण सत्र को राज्य प्रतिनिधि विनोद कुमार, कार्यक्रम प्रबंधक हरि शंकर कुमार, परियोजना प्रबंधक आशुतोष कुमार, राहुल राज, नीरज कुमार, आकांक्षा सिन्हा, आरती कुमारी और अनुराग झा आदि ने भी संबोधित किया। राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने राज हाई स्कूल में स्मार्ट क्लास संचालन का निरीक्षण भी किया।