इंजीनिय¨रग कॉलेज में अब 180 का ही होगा नामांकन, सीटों मे 25 फीसद कटौती
मब्बी स्थित दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनिय¨रग में 25 फीसद सीटों की कटौती कर दी गई है। एआइसीटीई की ओर से जारी सूचना के अनुसार अब कॉलेज में 240 की जगह केवल 180 सीटों पर ही नामांकन हो सकेगा।
दरभंगा । मब्बी स्थित दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनिय¨रग में 25 फीसद सीटों की कटौती कर दी गई है। एआइसीटीई की ओर से जारी सूचना के अनुसार अब कॉलेज में 240 की जगह केवल 180 सीटों पर ही नामांकन हो सकेगा। सूचना मिलते ही कॉलेज प्रशासन व छात्रों के बीच मायूसी का माहौल है। इस कटौती के पीछे मुख्य कारण कॉलेज में शिक्षकों की कमी एवं भवन का अभाव बताया गया है। एआइसीटीई के अनुसार कॉलेज में शिक्षकों के कुल 84 सृजित पद हैं जिसमें वर्तमान में केवल 52 शिक्षक ही कार्यरत हैं। हालांकि, कॉलेज प्रशासन का कहना है कि यहां शिक्षकों के सृजित पद 64 ही हैं, एआइसीटीई की सूचना भ्रामक है। जहां तक भवन का सवाल है, कॉलेज में इसका अभाव तो है, लेकिन फिलहाल लगभग 34 करोड़ की लागत से पीडब्ल्यूडी भवन का निर्माण कर रहा है जिसके अगले साल पूरा होने की संभावना है। कॉलेज प्रशासन ने सीटों की कटौती के खिलाफ एआइसीटीई में अपील का मन बना लिया है। अब देखना है कि इस अपील का कॉलेज को कितना लाभ मिलता है। चार ट्रेडों की होती है पढ़ाई :
कॉलेज में फिलहाल चार ट्रेडों की पढ़ाई हो रही है। इसमें सिविल इंजीनिय¨रग, मेकेनिकल इंजीनिय¨रग, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनिय¨रग एवं कंप्यूटर साइंस इंजीनिय¨रग शामिल हैं। अब तक इन चारों ट्रेडों में कुल 60-60 सीटों पर नामांकन होते रहे हैं। सीट कटौती के बाद अब इन चारों ट्रेडों में 45-45 सीटों पर ही नामांकन होंगे। इससे छात्रों में भी निराशा है। सरकार की नीति का खामियाजा भुगत रहे कॉलेज :
तकनीकी छात्र संगठन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मो. गुलफराज का कहना है कि सीट कटौती का निर्णय सही है। एआइसीटीई के कई मापदंड हैं जिनका कॉलेजों में अभाव है। लेकिन, इसके लिए सबसे अधिक सरकार की नीति जिम्मेवार है। नए-नए कॉलेज तो खोले जा रहे हैं, लेकिन पुराने कॉलेजों को सु²ढ़ करने का प्रयास नहीं किया जा रहा। यही वजह है कि दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनिय¨रग के साथ-साथ सूबे के लगभग साठ फीसद इंजीनिय¨रग कॉलेजों में सीटों की कटौती कर ली गई है। सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। हालांकि, तकनीकी छात्र संगठन की विश्वविद्यालय अध्यक्ष खुशबू कुमारी इस कटौती को गलत मानते हुए कहती हैं कि इससे छात्रों को नुकसान है। सीटों में कटौती से कई छात्र बीटेक की पढ़ाई से वंचित रह जाएंगे।