घर पर बैठकर सृजन करते रहने से शिक्षा भी रहेगी जारी
दरभंगा। कोरोना महामारी के कारण संसार की हर व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई है। शिक्षा जगत भी इससे अछूता नहीं है।
दरभंगा। कोरोना महामारी के कारण संसार की हर व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई है। शिक्षा जगत भी इससे अछूता नहीं है। शैक्षणिक वातावरण भी कोरोना से जितना अधिक प्रभावित हुआ है, उतना इससे पहले कभी नहीं हुआ था। महीनों से स्कूल कॉलेज बंद है। बच्चे घर पर बैठे हुए हैं। निजी ट्यूशन भी नहीं चल रहा है। ऐसे में बच्चे कैसे अपनी शिक्षा को जारी रखें। इस पर रसायन शास्त्र के विशेषज्ञ शिक्षक मनु कुमार ने छात्र छात्राओं का मार्गदर्शन किया है। सृजनशीलता शिक्षा का दूसरा नाम है। घर पर बैठकर सृजन करते रहने से अपनी शिक्षा भी जारी रहेगी और जो पढ़ा है उस में निरंतरता भी आती रहेगी। वर्तमान में राज्य एवं राष्ट्र के अधिक से अधिक सरकारी गैर सरकारी शिक्षण संस्थान बंद पड़े हुए हैं। यह कब खुलेंगे यह तो समय ही बताएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा में गहराई और गहनता का होना आवश्यक है। छात्रों की मानसिक शक्तियों का विकास करना शिक्षा की पहली प्राथमिकता है। इसके बिना हम अधूरे हैं और हमारा जीवन भी निरर्थक है। शिक्षा हमें एक ऐसे लक्ष्य निर्धारित करने की ओर ले जाती है जो हमें एक सभ्य नागरिक बनकर अपने परिवार देश और समाज के निर्माण में काम आता है ।हमारे ज्ञान कौशल आत्मविश्वास और व्यक्तित्व में सुधार लाने वाली सीख को ही शिक्षा भी कहा जाता है। शिक्षा हमारे अंदर परिपक्वता लाती है और हमें बदलते परिवेश के साथ जीना सिखाती है ।आज जो महामारी है और इससे शिक्षण व्यवस्था में जो हरास आज आया है उसका एकमात्र विकल्प डिजिटल शिक्षा व्यवस्था ही रह गई है ।हमें चाहिए कि हम डिजिटल माध्यम से अपनी कक्षाओं की पूर्ति करें और अपने पाठ्यक्रम को पूरा करने की दिशा में सतत प्रयासरत रहें। इस समय हम एक ऐसी राह पर खड़े हैं जहां हमारा जीवन दो धारी तलवार के बीच फंसा हुआ है। ऐसी व्यवस्था में हमें अपना भावी करियर बनाए रखने के लिए जरूरी है कि हम अपने पठन-पाठन को सतत निरंतरता देते रहें ।डिजिटल शिक्षा के एक नहीं अनेक प्लेटफार्म है। हमें इसमें चयन करना है कि कौन सा प्लेटफार्म हमारे पास उपलब्ध उपकरण के अनुसार सरल ढंग से हमें मिल जाता है ।उस के माध्यम से हम प्रतिदिन अपनी शिक्षा ग्रहण करते रहें। सरकारी और गैर सरकारी दोनों स्तर पर ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था चल रही है ।हमें इस के चयन में सावधानी बरतनी होगी। देखना होगा कि कौन सी व्यवस्था हमें सहजता से समझ में आ जाती है और किस को समझने में कठिनाई होती है ।जो व्यवस्था हमें सहजता से समझ में आती है उसी पर हम अपना फोकस करें और उससे शिक्षा ग्रहण करने का प्रयास करें ।जब तक कि महामारी पर विराम नहीं लगता है और हमारे स्कूल कॉलेज खुल नहीं जाते हैं तब तक हमें ऐसी ही शिक्षण व्यवस्था पर निर्भर रहना पड़ेगा। वैसे भी आने वाला समय अब डिजिटलाइजेशन के नाम ही होगा ।इसलिए इसकी तैयारी भी हमें अभी से ही करनी शुरू करनी चाहिए। बहुत सारी प्रतियोगिताएं परीक्षाएं अब ऑनलाइन आयोजित की जा रहे हैं ।जेईई मेन और एडवांस की परीक्षाएं ऑनलाइन हो रही हैं। विभिन्न शिक्षा बोर्ड और विश्वविद्यालय भी धीरे-धीरे ऑनलाइन परीक्षा आयोजन के संबंध में विचार कर रहे हैं ।वह दिन दूर नहीं कि जब सब की सब परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जाएं ।इसलिए लॉकडाउन के बहाने और कोरोना महामारी ने जो चुनौती हमारे सामने उपस्थित कर दी है उसे अवसर में बदलते हुए हम अपने आप को पूर्णत डिजिटलाइज कर लेना ही बेहतर होगा।