आयुक्त के साथ वार्ता के बाद डीएमसीएच में काम पर लौटे पीजी डॉक्टर
ीएमसीएच के पीजी डॉक्टर गुरुवार की रात से काम पर लौट गए। इसके पहले प्रमंडलीय आयुक्त मयंक वरबड़े के नेतृत्व में जिला व डीएमसीएच प्रशासन और पीजी छात्र प्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक हुई।
दरभंगा। डीएमसीएच के पीजी डॉक्टर गुरुवार की रात से काम पर लौट गए। इसके पहले
प्रमंडलीय आयुक्त मयंक वरबड़े के नेतृत्व में जिला व डीएमसीएच प्रशासन और पीजी छात्र प्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक हुई। मांगों की पूर्ति के आश्वासन पर मेडिकल छात्रों ने हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की। दिन में जिला एवं डीएमसीएच प्रशासन और छात्र प्रतिनिधियों की इमरजेंसी वार्ड में बैठक हुई थी जिसमें इमरजेंसी और ओपीडी खोलने का निर्णय लिया गया था। जबकि पीजी छात्रों ने कार्य बहिष्कार जारी रखने का निर्णय लिया था। इसके बाद करीब एक बजे दिन से इमरजेंसी वार्ड और ओपीडी में सेवा चालू कर दी गई थी। वार्ता में निर्णय लिया गया कि कर्पूरी चौक पर लोहे का गेट लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। छात्रों की पिटाई करने वालों की शीघ्र गिरफ्तारी होगी। लेकिन कार्य बहिष्कार के मुद्दे पर जारी गतिरोध का समाधान शाम में आयुक्त के नेतृत्व में हुई बैठक में निकला। जेडीए अध्यक्ष
डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि बैठक में आयुक्त द्वारा उनकी दो मांगों की पूर्ति का आश्वासन दिया गया है। वे लोग रात से काम पर लौट गए हैं। प्राचार्य डॉ. एचएन झा और अधीक्षक डॉ. आरआर प्रसाद ने बताया कि प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में बैठक के बाद सभी पीजी डॉक्टर काम पर लौट गए हैं। डेढ़ माह के भीतर एक लोहे का गेट कर्पूरी चौक पर लगा दिया जाएगा। जबकि छह नाका के पास बैरियर लगा रहेगा। वर्तमान में यात्री टेम्पो और भारी वाहनों के आवागमन पर रोक शुरू कर दिया गया है। महिला पुलिस की तैनाती गर्ल्स छात्रावास पर की गई है। आने जाने वाले लोगों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। इस रास्ते पर फ्लाई ओवरब्रिज बनाने के प्रस्ताव को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया गया है। बैठक में डीएम डॉ. चंद्रशेखर ¨सह, एसएसपी गरिमा मलिक, एसडीओ, डीएसपी, भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता आदि अधिकारी उपस्थित रहे।
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आक्रोशित परिजनों ने किया जाम :
पीजी डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त होने की घोषणा के बाद इमरजेंसी वार्ड और ओपीडी के काउंटरों पर मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी।परिजनों के चेहरे खिल गए कि अब उनके मरीजों की उपचार शुरू हो जाएगा। इस दौरान उपचार के लिए अफरातफरी मची रही।
इसके पहले इलाज नहीं होते देख मरीज और परिजन आक्रोशित हो गए। इमरजेंसी वार्ड और ओपीडी की बंदी के विरोध में सुबह में सड़क पर बांस बल्ला लगाकर नारेबाजी की। उधर इमरजेंसी वार्ड में मेडिकल छात्र भी जमा होने लगे। स्थिति को बिगड़ते देख जिला प्रशासन ने भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की। वार्ता के बाद स्थिति सामान्य हुई।
-------------------- बंदी से बिलबिला रहे थे मरीज :
छात्रों के इस बंदी को लेकर मरीज इलाज के लिए बिलबिलाते रहे। समृद्ध मरीज तो निजी नर्सिंग होम में पलायन कर गए। लेकिन, गरीब लोग बुधवार से ही डीएमसीएच में इलाज के लिए भटक रहे थे। इसके पहले हड़ताली मेडिकल छात्र सुबह से ही इमरजेंसी वार्ड और ओपीडी को बंद कराकर धरने पर बैठ गए थे। ऑपरेशन थिएटर, पठन पाठन, प्रशासनिक कार्य आदि बाधित था। हालांकि कई वार्डो में मरीजों की हालत को देखते हुए जांच पड़ताल शुरू थी।