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डीएमसीएच में बिफरे प्रधान सचिव

डीएमसीएच के कैजुअल्टी और जनरल ऑपरेशन थियेटर में डॉक्टरों के लिए समुचित औजार तक नहीं हैं। ऐसी दुर्दशा मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने खुद देखी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 01:31 AM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 01:31 AM (IST)
डीएमसीएच में बिफरे प्रधान सचिव
डीएमसीएच में बिफरे प्रधान सचिव

दरभंगा । डीएमसीएच के कैजुअल्टी और जनरल ऑपरेशन थियेटर में डॉक्टरों के लिए समुचित औजार तक नहीं हैं। ऐसी दुर्दशा मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने खुद देखी। यहां की हालत से हैरान-परेशान प्रधान सचिव कुमार ने कैजुअल्टी और ऑपरेशन थियेटर को सभी जरूरी औजार तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। वह मंगलवार को जर्जर सर्जिकल भवन के निरीक्षण पर थे। इसी दौरान हडडी रोग विभाग के सह प्राध्यापक डॉ. नंद कुमार ने प्रधान सचिव से आग्रह कर कैजुअल्टी और जनरल ऑपरेशन थियेटर ले गए। वहां की हालत देख प्रधान सचिव भौचक रह गए। उन्होंने अधीक्षक को बुधवार तक हर-हाल में ऑपरेशन थिएटर में ऑपरेशन से जुड़े औजार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ओटी में किसी तरह की कमी नहीं रहनी चाहिए। इस सिलसिले में कोई कितु-परंतु नहीं चलेगा। उन्होंने ओटी की हालत को बहुत ही खराब बताया। इसी दौरान डॉ. विजेंदर मिश्रा ने सर्जिकल भवन के पीलरों से रॉड और गिट्टी निकलने की शिकायत की। इतना ही नहीं, जब प्रधान सचिव को पीलरों के झुके होने के स्थल का मुआयना कराया तो, वे हैरानी से देखते ही रह गए। डॉ. जीसी कर्ण ने अपनी यूनिट के चैंबर की टूट-फूट की शिकायत की। बताया गया कि अब उनका चैंबर ही नहीं रह गया है। सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. वीएस प्रसाद ने बताया कि यह वार्ड चारों ओर से खुला हुआ है। इसके कारण आवारा जानवर वार्ड में चले आते हैं। इस पर प्रधान सचिव ने शिकायतों को सही मानते हुए अधीक्षक को डॉक्टरों के साथ मिलकर तत्काल समस्या का समाधान करने को कहा। अधीक्षक डॉ. आरआर प्रसाद ने प्रधान सचिव को बुधवार तक ही डॉक्टरों की समस्या का समाधान कर देने का भरोसा दिया। प्रधान सचिव इमरजेंसी वार्ड का हाल देख भी नाखुश थे। जर्जर सर्जिकल भवन का हाल देख प्रधान सचिव ने अधीक्षक से सवाल किया कि इसका निर्माण कब हुआ था। बताया गया कि इस भवन का निर्माण 1983 में हुआ था। गायनिक वार्ड के परिसर में सर्जिकल के नए भवन स्थल का जायजा लेने के दौरान चार स्टाफ नर्स ने प्रधान सचिव को बताया कि उनलोगों को नव निर्मित नर्सिंग कॉलेज के भवन में शिफ्ट होने का

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आदेश दें। उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। कहा कि किसी भी हाल में वह भवन नहीं मिलेगा। प्रधान सचिव ने डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम को बताया कि नए सर्जिकल भवन के निर्माण में कोई बाधा नहीं हो, इसपर निगरानी रखें। इसके पूर्व प्रधान सचिव ने प्राचार्य डॉ. एचएन झा, अधीक्षक डॉ. आरआर प्रसाद और सिविल सर्जन डॉ. एएन झा समेत अन्य अधिकारियों के साथ डीएमसीएच के हालात पर चर्चा की।

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मरीजों ने की वार्ड में डॉक्टरों के न आने की शिकायत

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार मंगलवार को शाम में साढे पांच बजे सीधे डीएमसीएच के प्राचार्य के चैंबर में पहुंचे। वहां से वह जिला पदाधिकारी समेत जिले के स्वास्थ्य महकमे विभिन्न अधिकारियों के साथ पैदल ही वार्डों और भवनों का जायजा लेने के लिए चल पड़े। वह इमरजेंसी वार्ड के सीसीडब्ल्यू पहुंचे। वहां मरीजों ने बताया कि डॉक्टर कभी-कभी ही इस वार्ड में आते हैं। इसके बाद सर्जिकल के बारामदे में उजला बल्ब देखकर प्रधान सचिव विफर गए। डीएमसीएच प्रशासन के अधिकारियों से उजला बल्ब लगाने का कारण पूछा, जिस पर सब बगलें झांकने लगे। उन्होंने इसे शीघ्र हटाकर सीएफएल बल्ब लगाने को कहा। प्रधान सचिव ने फिर प्राचार्य से सवाल किया कि इस सर्जिकल भवन में लिफ्ट है तो प्राचार्य ने ना में इशारा किया। सर्जरी एचओडी के समक्ष दो स्टाफ नर्सों ने दुखरा सुनाते हुए कहा कि उनके पास सरकारी आवास नहीं है। कब मिलेगा। इस पर प्रधान सचिव ने बताया कि स्टाफ नर्सो के लिए भवन का निर्माण का प्लान किया हुआ है। भवन निर्माण के बाद सबकी शिकायत दूर हो जाएगी।

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नए सर्जिकल भवन का शिलान्यास 26 को पटना से करेंगे सीएम

जागरण संवाददाता, दरभंगा : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 26 सितंबर को डीएमसीएच के नए सर्जिकल भवन का केंद्रीकृत शिलान्यास पटना से करेंगे। इस नए भवन में 400 मरीजों के लिए बेड का इंतजाम होगा। डीएमसीएच का मास्टर प्लान बनकर तैयार है। इसमें एम्स के निर्माण के लिए जमीन का इंतजाम अलग से है। यह जानकारी डीएमसीएच का जायजा लेने के दौरान मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि पुराना सर्जिकल भवन रहने लायक नहीं है। वह कभी भी गिर सकता है। यहां मरीजों की जान खतरे में रहती है। इसलिए नए भवन का निर्माण हर हाल में शीघ्र शुरू करना है। इधर, नए सर्जिकल भवन के निर्माण स्थल पर जो भी पुराने भवन हैं, उन्हें शीघ्र तोड़ने का काम शुरू किया जाएगा। इस दिशा में जो भी बाधाएं हैं, उन्हें तत्काल दूर कर निर्माण शीघ्र शुरू कराया जाएगा। सरकार के लिए मरीजों की चिता सर्वोपरि है और इससे कतई कोई समझौता नहीं होगा।

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