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डीएमसीएच के इमरजेंसी में मरीज और जूनियर डॉक्टर परेशान

डीएमसीएच के इमरजेंसी में मरीज तो परेशान है ही साथ ही जूनियर डॉक्टरों एवं अन्य कर्मी भी परेशान हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Apr 2019 01:13 AM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2019 01:13 AM (IST)
डीएमसीएच के इमरजेंसी में मरीज और जूनियर डॉक्टर परेशान
डीएमसीएच के इमरजेंसी में मरीज और जूनियर डॉक्टर परेशान

दरभंगा । डीएमसीएच के इमरजेंसी में मरीज तो परेशान है ही साथ ही जूनियर डॉक्टरों एवं अन्य कर्मी भी परेशान हैं। जूनियर डॉक्टर के कक्ष में दो एसी लगे हैं लेकिन सालों से बंद पड़े हैं। एसओडी चैंबर की हालत भी बहुत खराब है उसमें बाथरूम भी जाने लायक नहीं है जिससे खासकर महिला जूनियर डॉक्टरों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। पीने के पानी की भी उचित व्यवस्था नहीं है और ना ही हाथ धोने की व्यवस्था है जिससे जूनियर डॉक्टर काफी खिन्न दिखे। केवल दवा भंडार की एसी ठीक है बाकी सभी जगह एसी और पंखे की हालत खराब है। अगल बगल जंगल होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। इमरजेंसी में बैठे जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि हम लोग अधीक्षक से मिलने गए थे और अपनी समस्या को रखें लेकिन कोई उचित आश्वासन नहीं दिया गया। अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया तो हम लोग काम बंद करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। कहा कि सही ढंग से बैठने की भी व्यवस्था नहीं है। पानी पीने के लिए जो आरओ लगा है उसमें से गंदा पानी गिरता है जो पीने योग्य नहीं है। जो भी सामान यहां लगता है वह घटिया किस्म का लगता है। इमरजेंसी में मरीजों के लिए बाथरूम महीनों से बनकर तैयार है। लेकिन उदघाटन नहीं हो पा रहा है और उसमें ताला जड़ा हुआ है ना जाने कब उस का उदघाट होगा। इमरजेंसी के बरामदे पर मरीज को रखे तो जाते हैं लेकिन वहां एक भी पंखा नहीं लगा है। जिससे मरीजों को काफी दिक्कत होती है। इमरजेंसी ओटी स्टॉफ ने भी सिस्टर इंचार्ज को कई बार अपनी समस्या से अवगत कराया लेकिन उनकी कान पर जू तक नहीं रेंगी। जबकि इमरजेंसी के ओटी में एसी लगाना आवश्यक है। ताकि मरीजों को राहत मिल सके खासकर बर्न केस के मरीजों को। मगर एसी तो दूर पंखा की भी हालत खराब है। इमरजेंसी में पूछताछ काउंटर तो खुला है लेकिन उस काउंटर पर 07:00 बजे से 02:00 बजे तक ही कर्मी मौजूद रहते हैं उसके बाद उसका द्वार बंद हो जाता है और उसमें ताला लग जाता है। डीएमसीएच का बर्न यूनिट सालों से बंद पड़ा है। जिससे बर्न मरीजों को काफी कठिनाइयां होती है और मजबूरन डॉक्टरों को पीएमसीएच रेफर करना पड़ता है। इमरजेंसी के वार्ड की व्यवस्था खराब है। नर्सो ने बताया कि हम लोगों के लिए न यहां बाथरूम है न हाथ धोने की व्यवस्था है न पीने का पानी है। जर्जर भवन है, उसमें बैठकर काम करना पड़ता है।

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