डीएमसीएच में अव्यवस्था के कारण जंग की भेंट चढ़ गई डिसइंफेक्शन मशीन
दरभंगा। दरभंगा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल की अव्यवस्था को लेकर लगातार सवाल खड़े होते रहे
दरभंगा। दरभंगा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल की अव्यवस्था को लेकर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं। इस बार सवाल खड़ा हुआ है डिसइंफेक्शन मशीन को लेकर। यह मशीन पिछले बारह साल से एक कमरे में पड़ी-पड़ी जंग खाकर सड़ गई। अब जबकि तेजी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है तो मशीन की याद आई है। लेकिन, इस वक्त यह मशीन जंग के कारण किसी काम की नहीं रह गई है। अस्पताल के किसी भी वार्ड के बेड को संक्रमण से मुक्त करने में सक्षम इस मशीन के बारे डीएमसीएच प्रशासन को पूरी जानकारी नहीं है। मशीन कहां और किस हालात में है, इसकी भी जरूरत किसी ने नहीं समझी। -------------------- क्या है खासियत : इस मशीन की आपूर्ति मरीजों द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले बेड को संक्रमणमुक्त करने के लिए की गई। व्यवस्था यह होनी थी कि जैसे एक मरीज बेड खाली करता उसे तत्काल संक्रमणमुक्त कर दिया जाता। इसके बाद दूसरे मरीज को बेड आवंटित किया जाता। लेकिन, डीएमसीएच प्रशासन ने सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को फेल कर दिया। कोरोना काल में मिलता लाभ : जानकार बताते हैं कि यदि यह मशीन चालू स्थिति में रहती तो कोरोना के वक्त अस्पताल के सभी बेडों को संक्रमणमुक्त करने में सहूलियत होती। कोरोना वार्ड के लिए 136 बेड आवंटित है। इसमें आइसीयू और आइसोलेशन वार्ड शामिल है। इसके अलावा संदिग्ध मरीजों के लिए मेडिसिन विभाग में सार्स वार्ड में 50 बेड हैं। इन बेडों को मरीजों द्वारा उपयोग में लाए जाने के बाद संक्रमण रहित नहीं किया जाता है। 2008-09 में हुई थी आपूर्ति : डिसइंफेक्शन मशीन की आपूर्ति सत्र 2008-09 में हुई थी। उस समय करीब आठ लाख रुपये इस मशीन की आपूर्ति पर खर्च किए गए थे। जब इस मशीन के इंस्टॉलेशन की बात सामने आई तो, इस मशीन को सर्जरी भवन के क्षेत्रीय रक्त अधिकोष के एक कमरा में रख दिया गया। तब से यह मशीन इसी कमरे में पड़ी है। इस बीच किसी ने भी जहमत नहीं उठाई कि इस नए मशीन को चालू किया जाए। डीएमसीएच के अधीक्षक डॉ.ओपी गिरि ने बताया कि मशीन की आपूर्ति मेरे कार्यकाल में नहीं हुई है। यह मशीन कहां और किस स्थिति में है, इसकी खोज कर विशेष जानकारी दी जाएगी। साथ ही इसके उपयोग की दिशा में आवश्यक प्रक्रिया पूरी की जाएगी।