दिनकर की रचनाएं राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत : मो. रहमतुल्लाह
रमावल्लभ जालान बेला महाविद्यालय एवं राष्ट्रभाषा ¨हदी विकास परिषद के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को शासी निकाय सचिव अजय कुमार जालान की अध्यक्षता में दिनकर जयंती मनाई गई।
दरभंगा। रमावल्लभ जालान बेला महाविद्यालय एवं राष्ट्रभाषा ¨हदी विकास परिषद के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को शासी निकाय सचिव अजय कुमार जालान की अध्यक्षता में दिनकर जयंती मनाई गई। कार्यक्रम का उदघाटन मिल्लत कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. मो. रहमतुल्लाह ने किया। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दिनकर की रचनाएं राष्ट्रीय भावना एवं समकालीन परिवेश से ओतप्रोत है। कहा कि कॉलेज में प्रतिवर्ष ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए। वहीं, स्नातकोत्तर ¨हदी विभाग के प्रो. सुरेंद्र कुमार सुमन ने कहा कि जन-मन से ही कवि पुरस्कृत होते हैं। यही कारण है कि ज्ञानपीठ से लेकर साहित्य अकादमी सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित होने के बाद भी दिनकर जी साहित्य साधना जन-मन से जुड़ी रही। शासी निकाय के सचिव अजय जालान ने रुस की चर्चा करते हुए कहा कि अन्य देशों के लोग वहां जाकर छह महीने तक वहां की भाषा का अध्ययन करते हैं। उन्होंने वैसी व्यवस्था ¨हदी के प्रति भी देश में लागू करने की वकालत की। कहा कि देश की राष्ट्रभाषा ही उसे एकसूत्र में बांध सकती है। दिनकर ने उसी एकसूत्रता को पिरोने का प्रयास किया। महात्मा गांधी कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. सुरेंद्र प्रसाद गाई ने कहा कि कविवर भूषण के बाद दिनकर ही शौर्य के कवि हैं। उनकी रचनाएं राष्ट्रभक्ति की द्योतक हैं। सीएम कॉलेज के संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. रवींद्र कुमार चौरसिया ने दिनकर को स्वछंदता वाद नवजागरण का कवि बताया। इस दौरान राष्ट्रकवि दिनकर संदेश नामक स्मारिका का भी विमोचन किया गया। इससे पूर्व आगत-अतिथियों का स्वागत प्रधानाचार्य डॉ. नरेंद्र कुमार चौधरी ने किया। कहा कि दिनकर की जन-चेतना का ही अथक प्रयास रहा कि आज ¨हदी भाषा हम जनमानुषों की सबसे विस्तारित भाषा है। मौके पर विद्या कुमार झा, प्रो. सीबी चौधरी, महेंद्र नारायण यादव, प्रो. नारायण कुमार झा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन प्रो. आशुतोष कुमार वर्मा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. हीरालाल सहनी ने किया।
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