डिजिटल प्रणाली ने दिया बल, कोरोना काल में ग्राहक व दुकानदारों के बीच रहा सामंजस्य
दरभंगा। कोरोना संक्रमण के खतरों के कारण छोटे-मझोले कारोबारियों का व्यापार काफी ह
दरभंगा। कोरोना संक्रमण के खतरों के कारण छोटे-मझोले कारोबारियों का व्यापार काफी हद तक प्रभावित हुआ है। बावजूद इसके ग्राहक व दुकानदारों के बीच का रिश्ता मधुर रहा। दोनों के बीच कायम रिश्ते की डोर सामंजस्य के बूते मजबूत रही। कोरोना संक्रमण का आठवां महीना चल रहा है। इस बीच डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ने के कारण माल किराया सहित अन्य कई परेशानियां दुकानदारों को उठानी पड़ी हैं। जिले में छोटे-मझोले किराना व्यवसायी कोरोना संक्रमम के खतरों को टालने के निमित शारीरिक दूरी अन्य बचाव के उपाय करने के साथ व्यापार को जारी रखने के लिए कई तरह की खोज कर स्वयं और ग्राहकों के बीच म्यूचुअल अंडरस्टेंडिग बना रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार निर्यात में एमएसएमई (छोटे-मझोले कारोबार) का योगदान 48 प्रतिशत का है। छोटे कारोबार हमारी अर्थव्यवस्था का आधार स्तंभ है। इसलिए अगर एमएसएमई आगे बढ़ेगा तो आम जनता और कारोबारियों के साथ देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी यह बेहतर होगा। छोटे- मझोले व्यवसायी अब व्हाट्सएप सहित अन्य डिजिटल माध्यम का प्रयोग कर घाटे से उबरने में लगे हैं। ---------------
नए ट्रेंड को ध्यान में रखकर काम कर रही इंडस्ट्री छोटे-मझोले कारोबार भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार स्तंभ हैं। यह रोजगार सृजन, नवोन्मेष, निर्यात और समावेशी विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। गूगल इंडिया की छोटे-मझोले कारोबार को ऑनलाइन बढ़ाने की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता है। हम लगातार ऐसे कार्यक्रमों और समाधानों में निवेश करने में लगे हैं, जो छोटे-मझोले कारोबारियों की राह में बाधा हैं। कुछ वर्ष पहले 68 फीसदी भारतीय छोटे-मझोले व्यापारियों की डिजिटल उपस्थिति नहीं थी। वर्तमान में गूगल माय बिजनेस फ्री लिस्टिग की वजह से 2.6 करोड़ छोटे-मझोले कारोबारियों की डिजिटल उपस्थिति है। इनको गूगल सर्च और मैप पर आसानी से खोजा जा सकता है। हर माह हम व्यापारियों और ग्राहकों के बीच कॉल, ऑनलाइन आरक्षण के द्वारा सीधा संबंध स्थापित करते हैं। कोरोना ने इस क्षेत्र को काफी प्रभावित किया है। छोटे कारोबारियों को इस नए माहौल में खुद को बेहतर बनाने का तरीका सीखना होगा, उन्हें उपभोक्ताओं के नए व्यवहार को समझना होगा। उन्हें काम और उत्पादकता की प्रक्रिया को दोबारा परिभाषित करना होगा। बिजनेस करने के नए तरीकों के साथ आना होगा। हम लगातार देख रहे हैं कि लोगों द्वारा डिजिटल प्लेटफॉर्म को तेजी से अपनाया जा रहा है और छोटे-मझोले कारोबारी डिजिटल को तेजी से अपनाने को लेकर दबाव में हैं। -----------
छोटे मझोले व्यापारियों के कारोबार में आई 20 फीसद गिरावट कोरोना संक्रमण के बीच विगत आठ माह से छोटे-मझोले व्यापारियों के कारोबार में लगभग 20 फीसद की गिरावट देखी जा रही है। दुकानदारों की माने तो कोरोना संक्रमण के कारण ससमय माल का स्टॉक नहीं मिलने के कारण व्यापार प्रभावित होता है। लोगों की दुकान में अब पहले की तरह भीड़ नहीं रहती है। अधिकांश लोग घर बैठे डिजिटल माध्यम से सामानों की खरीदारी करते हैं। ऐसे में खुदरा व्यापार पर इसका सीधा प्रभाव देखा जा सकता है।
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वाट्सएप पर शुरू हुआ व्यापार, छोटे-मझोले व्यापारियों को मिल रहा बल मिर्जापुर स्थित शिव जनरल स्टोर के संचालक दीपक कुमार कहते हैं, कोरोना काल के बीच ग्राहकों की संख्या काफी घटी है। हालांकि इसका विकल्प निकाला गया है। ग्राहकों के साथ म्युचुअल अंडरस्टेंडिग बनाकर वाट्स एप माध्यम से सामाग्रियों की लिस्ट वाट्सएप पर प्राप्त कर सामाग्रियों को होम डिलेवरी भेजवाता हूं। वहीं ग्राहक भी डिजिटल रूप में बिल का पेमेंट करते हैं। दीपक की माने तो किराना स्टोर में पांच से छह कर्मी काम करते हैं। कोरोना संक्रमण के बीच सभी कर्मियों की ड्यूटी का शेड्यूल अलग-अलग समय में किया हूं। सभी मास्क व कोविड-19 के मानकों को पूरा करते हुए काम करते हैं। कोरोना के कारण बाजार समिति का 50 फीसद घटा कारोबार बाजार समिति व्यापारी संघ के अध्यक्ष विजय गामी कहते हैं- कोरोना संक्रमण के बीच बाजार समिति में व्यापारियों के कारोबार में 50 फीसद की गिरावट आई है। डीजल के दाम बढ़ने के कारण माल भाड़ा में वृद्धि हुई है। चावल के खरीदार नहीं मिल रहे हैं। मंडी में व्यापारियों के सामने आर्थिक मंदी जैसी स्थिति आन परी है। --------