कोठिया में हर साल बरपता है बाढ़ का कहर, किसान परेशान
दरभंगा। सरकार की तमाम कोशिशों के बीच ग्रामीण इलाके में विकास की रफ्तार धीमी है। आज भी
दरभंगा। सरकार की तमाम कोशिशों के बीच ग्रामीण इलाके में विकास की रफ्तार धीमी है। आज भी गांवों में स्वास्थ्य, शिक्षा व कृषि के क्षेत्र में सरकार द्वारा आरंभ की गई योजनाएं अपना स्थान नहीं बना पाई है। प्रखंड की कोठिया पंचायत में किसानी का बुरा हाल है। यहां सिचाई के लिए एक राजकीय नलकूप है जो वर्षों से मृतप्राय बनी हुई है। किसान निजी बोरिग के भरोसे है। स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर यहां एक स्वास्थ्य उपकेंद्र तो है , लेकिन यहां स्वास्थ्य व्यवस्था काफी लचर है। पशु चिकित्सा केंद्र का अभाव है। पंचायत की सबसे बड़ी समस्या बाढ़ है। अधवारा समूह की बागमती एवं मरने कमला नदी के जलस्तर में उफान आने से यहां की संपूर्ण आबादी प्रतिवर्ष बाढ़ से घिर जाती है । बाढ़ सड़क , पुल - पुलियों को बहा ले जाती है। जिससे पंचायत का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग हो जाता है । पशु चिकित्सा केंद्र के अभाव पशुपालकों को मवेशियों की इलाज कराने में काफी कठिनाई हुआ करती है। पंचायत भवन भी यहां नहीं है। फिलहाल यह बाजिदपुर गांव स्थित सरकारी शिक्षण - संस्थान के एक कमरे में संचालित है। बिजली की स्थिति काफी बेहतर है। एक स्वर में लोगों ने अब तक हुए विकास कार्यो और समस्याओं के बारे में बताते हुए अपनी बातें रखी। बोले लोग : बाढ़ से स्थाई समाधान का हो इंतजाम
पंचायत की सबसे बड़ी समस्या बाढ़ है। लोगों को प्रतिवर्ष बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ती है और संपूर्ण आबादी बाढ़ से घिर जाती है। जिससे पंचायत का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग हो जाता है । बाढ़ की त्रासदी से मुक्ति दिलाने के साथ - साथ जनहित में बाढ़ की स्थायी निदान किये जाने की अति आवश्यकता है।
ललिता देवी
पंचायत समिति सदस्य पंचायत में एक स्वास्थ्य उपकेंद्र है। लेकिन यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था काफी लचर है। बीमार पड़ने पर लोगों को इलाज के लिये सामुदायिक चिकित्सा केंद्र रनवे - केवटी या डीएमसीएच जाना पड़ता है। बाढ़ के समय समस्या काफी गहरा जाती है और लोग ग्रामीण चिकित्सक के भरोसे रहते है। स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है।
रामप्रकाश साह
पूर्व पंसस
पंचायत में सिचाई सुविधा के नाम पर एक राजकीय नलकूप है । जो वर्षों से जर्जर है। किसान निजी बोरिग के भरोसे हैं। किसानों के हित में यहां राजकीय नलकूप की आवश्यकता है।
परमेश्वर साह
ग्रामीण पशु चिकित्सा केंद्र नहीं रहने से पंचायत के पशुपालकों को अपने मवेशियों की इलाज कराने में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। पशुपालकों के हित में यहां पशु चिकित्सा केंद्र की स्थापना कराये जाने की आवश्यकता है।
मगनू साह
ग्रामीण मुखिया के प्रयास से पंचायत में काफी विकासात्मक कार्य हुआ है । सुख - दुख में खड़े उतरे है। सुखलाल महतो
ग्रामीण ---------------
'' अपने कार्यकाल में विकास कर सबका साथ और सबका विकास जीती हूं । सात निश्चय योजना समेत अन्य योजना मद से विकास के हर क्षेत्र में काफी कार्य हुआ है । सिचाई, स्वास्थ्य , पशु चिकित्सा आदि समस्याओं के अलावा बाढ़ के स्थायी निदान का प्रयास जारी रहेगा । कहा उनके कार्यकाल में जितना विकास का कार्य हुआ है। वह इससे पहले कभी नहीं हुआ । परवीना खातून
मुखिया
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पंचायत एक नजर में :
1. आबादी : - करीब 22 हजार 2 .मतदाता :- : करीब 10 हजार 3. वार्ड : 19 4 . प्रावि : 3 5. मध्य विद्यालय : 3 6 .उच्च माध्यमिक विद्यालय :- 1 7 . आंगनबाड़ी केंद्र :- 14 8 . जविप्र दुकान : 6 9 . स्वास्थ्य उपकेंद्र 1 स्थिति लचर 10 . मदरसा : 2 11 . राजकीय नलकूप :1 बंद 12. बैंक : 1 रीडर कनेक्ट : '' गांव की समस्याओं के बारे में जानकारी आप हमें वाट्सएप नंबर 8084341205 पर दे सकते है। हम उसे प्रमुखता से प्रकाशित करेंगे ।
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