कोरोना खौफ के बीच पुन: कमाने निकले कामगार
दरभंगा। कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरों बीच घर लौट कर आए कामगार अब रोजगार की तलाश में पुन अपने ठिकाने की ओर लौटने लगे हैं। दरभंगा जंक्शन पर इनकी संख्या कम है लेकिन दिल्ली अमृतसर को जाने वाली स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेनों में सीटें फुल चल रही हैं।
दरभंगा। कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरों बीच घर लौट कर आए कामगार अब रोजगार की तलाश में पुन: अपने ठिकाने की ओर लौटने लगे हैं। दरभंगा जंक्शन पर इनकी संख्या कम है लेकिन दिल्ली, अमृतसर को जाने वाली स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेनों में सीटें फुल चल रही हैं। दिल्ली जाने वाली गाड़ी संख्या 02565 बिहार संपर्क क्रांति में आगामी 23 जून तक स्पीलर कोच में सभी सीटें फुल चल रही हैं। वहीं, गाड़ी संख्या 04649 जयनगर-अमृतसर एक्सप्रेस में आगामी 19 जून तक स्लीपर कोच की सभी सीटें फुल हैं। हालांकि मुंबई जाने वाली पवन एक्सप्रेस में आगामी 6 अक्टूबर तक स्लीपर श्रेणी के कोच में सभी सीटें खाली चल रही है। इस बीच जिले से परदेसों की ओर श्रमिकों के लौटने का सिलसिला भी धीमी गति के साथ शुरू हो गई है। एक जून से प्रतिदिन चलने वाली बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से दरभंगा से चार-पांच सौ कामगारों की बोर्डिंग हो रही है। जबकि मुंबई के लिए दरभंगा से औसतन सौ यात्री रवाना हो रहे हैं।
परदेस से लौट रहे श्रमिकों का दर्द
कुशेश्वरस्थान निवासी हरि मोहन राय ने बताया कि गांवों में मजदूरों की संख्या बहुत हो गई है, उस हिसाब से काम ही नहीं है। अब अगर कोरोना से डरेंगे तो घर का चूल्हा जलना मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि कमाएंगे नहीं तो खाएंगे क्या? अब तो कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी पड़ेगी। शहरी क्षेत्र अंतर्गत मिर्जापुर निवासी प्रेम मोहन चौधरी ने कहा कि दिल्ली के एक कपड़ा कंपनी में काम करता हूं, होली में घर आया था उसके बाद लॉकडाउन शुरू हो गया। फैक्ट्री शुरू हो गई है वहां से फोन आया था। काम पर जा रहा हूं। मधुबनी जिला निवासी तारकेश्वर पंडित कहते हैं, परिवार को घर छोड़कर जा रहा हूं। कई महीनों से घर में बैठा हूं। लॉकडाउन होने के चलते कमाई का सारा जरिया बंद हो गया था। दिल्ली में रहकर ऑटो चलाता हूं।