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गृहक्षति का सर्वेक्षण एक सप्ताह मे करें पूरा

जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने जिला के सभी अंचलाधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर बाढ़ से क्षतिग्रस्त मकानों व झोपड़ियों का सर्वेक्षण कार्य पूरा कर पूर्ण प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Sep 2019 01:20 AM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 06:30 AM (IST)
गृहक्षति का सर्वेक्षण एक सप्ताह मे करें पूरा
गृहक्षति का सर्वेक्षण एक सप्ताह मे करें पूरा

दरभंगा। जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने जिला के सभी अंचलाधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर बाढ़ से क्षतिग्रस्त मकानों व झोपड़ियों का सर्वेक्षण कार्य पूरा कर पूर्ण प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया है। कहा कि गृहक्षति के सर्वेक्षण को ले एक विशेष मोबाइल एप गृह क्षति आकलन विकसित किया गया है। इसी एप के माध्यम से क्षतिग्रस्त घर व मकान आदि की फोटो लेनी है और डाटा कलेक्ट करना है। कहा कि गृहक्षति सर्वेक्षण को लेकर सभी अंचलों में सर्वेक्षण टीम पूर्व में ही गठित की गई है। सर्वेक्षण टीम के कर्मी अपने एंड्रायड मोबाइल में गूगल प्ले स्टोर से इस एप को डाउनलोड कर इस्टॉल कर सर्वेक्षण कार्य करेंगे। समीक्षा में गौड़ाबौराम, जाले, केवटी, किरतपुर अंचलों में गृह क्षति सर्वेक्षण कार्य की प्रगति कम पाए जाने पर डीएम ने उक्त अंचलों के अंचलाधिकारी एवं वरीय प्रभारी पदाधिकारी को सर्वेक्षण कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है। वे शनिवार को कार्यालय प्रकोष्ठ में आयोजित बाढ़-आपदा राहत वितरण की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। कहा कि कतिपय अंचलों के थोड़े-थोड़े लाभार्थियों के डाटा अद्यतीकरण का काम लंबित रहने के कारण उनके बैंक खाते में जीआर की राशि अबतक नहीं भेजी गई है। उन्होंने सभी छूटे हुए बाढ़ पीड़ित लाभुक परिवारों का डाटा शुद्ध कर पीएफएमएस पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया है। इसमें अलीनगर, बहादुरपुर, बिरौल, दरभंगा सदर, गौड़ाबौराम, हनुमाननगर, जाले, केवटी, किरतपुर, कुशेश्वरस्थान अंचलों में छूटे हुए लाभुक परिवारों की संख्या ज्यादा है। डीएम ने उक्त अंचलों के अंचलाधिकारी व वरीय प्रभारी पदाधिकारी को दो दिनों के अंदर यह कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया है। ऐसा नहीं होने पर कार्रवाई की बात कहीं है। किरतपुर अंचल में पिछले दिनों कोई प्रगति नहीं देखे जाने के कारण सीओ से स्पष्टीकरण पूछा गया है। डीएम ने जल-जीवन हरियाली अभियान व कोर्ट केस मैटर को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ निष्पादित करने को कहा है। कहा कि जल-जीवन हरियाली अभियान के तहत प्राकृतिक जलश्रोतों का जीर्णोद्वार एवं अतिक्रमणमुक्त करने की कार्रवाई की जा रही है। जिला में अवस्थित पोखर, तालाब, आहर व पैन के उड़ाहीकरण एवं अतिक्रमणमुक्त करने का कार्य प्रारंभ किया गया है। जिसमें तेजी लाने की आवश्यकता है। कहा कि जिला में मत्स्य विभाग द्वारा कुल 2374 तालाबों का सर्वेक्षण किया गया है, जिसमें से 628 तालाबों पर अतिक्रमण पाया गया है। जिलाधिकारी ने सभी अंचलाधिकारी को मत्स्य विभाग के 628 अतिक्रमित तालाबों में तुरंत अतिक्रमणवाद चलाकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने को कहा है।

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