भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर लोगों ने की कल्याण की मंगलकामना
लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व चैती छठ शुक्रवार को हर्षोल्लास व सौहार्द के माहौल में संपन्न हो गया। लोगों ने अस्ताचलगामी व उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पण कर परिवार के कल्याण की कामना की।
दरभंगा । लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व चैती छठ शुक्रवार को हर्षोल्लास व सौहार्द के माहौल में संपन्न हो गया। लोगों ने अस्ताचलगामी व उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पण कर परिवार के कल्याण की कामना की। छठ के दौरान पूरा शहर भक्तिमय बना रहा। शहर के विभिन्न तालाबों व नदी घाटों पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। माथे पर रन्ना माई के अर्घ्य का डाला लिए श्रद्धालु नंगे पांव घाटों पर पहुंचे। कई व्रतियों ने अपने घर से घाट तक का सफर दंडप्रणाम करते हुए तय किया। घाटों पर छठ के दौरान कोई अप्रिय घटना ना घटे इसको लेकर प्रशासन भी चौकस दिखा। शहर के कई बड़े तालाबों में लोगों को गंदे पानी में ही पूजा करनी पड़ी। कई व्रतियों ने तालाबों पर ना जाकर अपने घर के आंगन या छतों पर कृत्रिम तालाब का निर्माण कर उसी में पूजा-अर्चना की। छठ पर मिटा बड़े-छोटे का भेद :
छठ के दौरान सामाजिक सौहार्द का माहौल रहा। एक ही तालाब में समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने एक साथ छठ मनाई। भगवान भास्कर की अराधना में बड़े-छोटे, अमीर-गरीब जैसे सारे भेद मिट गए। लोग एक-दूसरे को सहयोग के लिए तत्पर दिखे। अपनी इसी अनोखी परंपरा के कारण ही छठ को महापर्व कहा जाता है। लोगों ने दिखाई समाजिकता :
छठ के अवसर पर लोगों ने भी खूब सामाजिकता दिखाई। इस अवसर पर यूं तो नगर निगम की ओर से सड़कों की सफाई की व्यवस्था की जानी थी, लेकिन आम लोग खुद इसमें जुटे दिखे। लोगों ने घाट तक जाने में छठव्रतियों को परेशानी ना हो, इसके लिए अपने-अपने घरों के सामने सड़कों की सफाई खुद की।