संगीत व नाट्य विभाग के प्रेक्षागृह में जीवंत हो उठा चरनदास चोर
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पीजी संगीत व नाट्य विभाग का प्रेक्षागृह बुधवार की शाम अभिनय की रोशनी से जगमग कर रहा था।
दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पीजी संगीत व नाट्य विभाग का प्रेक्षागृह बुधवार की शाम अभिनय की रोशनी से जगमग कर रहा था। कलाकारों ने अपने अभिनय के ऐसे तीर छोड़े कि दर्शक दीर्घा बार-बार घायल होता रहा। रस संग पटना व द स्पॉटलाइट थियेटर दरभंगा ने संयुक्त रूप से कला एवं संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से यह प्रस्तुति की। हबीब तनवीर लिखित नाटक चरनदास चोर के मंचन के दौरान कलाकारों ने अपने सधे अभिनय से पात्रों को मंच पर जीवंत कर डाला। सागर ¨सह की परिकल्पना व साहिल ¨सहा के निर्देशन में संगीत परिकल्पना राजू कुमार रंजन का रहा। बाबा की भूमिका में प्रशांत राणा, रानी की भूमिका में शिवानी झा सांडिल्य खूब जमे। अंकुश प्रसाद, पुष्पक व पीयूष की तिकड़ी ने क्रमश: शराबी, जुआरी व गंजेड़ी की भूमिका में खूब वाहवाही लूटी। मंत्री बने सत्यम व दासी खूबा की भूमिका में पल्लवी और पुरोहित बने नवोदित कलाकार शिवम के काम को भी दर्शकों ने सराहा। चरनदास की भूमिका में सागर ¨सह ने जीवंत अभिनय किया। मंच पर किशन, रतन आशीष, चांदनी का सहयोग बेहतर रहा। दर्शक दीर्घा में विभागाध्यक्ष डॉ. लावण्य कीर्ति ¨सह काव्या, डॉ. पुष्पम नारायण, डॉ. वेद प्रकार के साथ ही कई नाट्य प्रेमी मौजूद रहे।
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