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काव्य रचना कब पलेगी पत्थरों में जान का हुआ लोकार्पण

दरभंगा। सीएम कॉलेज सभागार में रविवार को हिदी समाहार मंच के तत्वावधान में कवि दिनेश्वर प्रसाद कल्प की काव्य कृति कब पलेगी पत्थरों में जान का लोकार्पण किया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 12:24 AM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2019 06:10 AM (IST)
काव्य रचना कब पलेगी पत्थरों में जान का हुआ लोकार्पण
काव्य रचना कब पलेगी पत्थरों में जान का हुआ लोकार्पण

दरभंगा। सीएम कॉलेज सभागार में रविवार को हिदी समाहार मंच के तत्वावधान में कवि दिनेश्वर प्रसाद कल्प की काव्य कृति कब पलेगी पत्थरों में जान का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने कहा कि कवि का रचना कार्य सामान्य कार्य है अथवा विशेष कार्य, इस विषय पर विद्वानों को सोचना चाहिए। वास्तव में एक अध्येता के ऊपर गुरु एवं पढ़े गए पुस्तकों के रचनाकार, दोनों का ऋण है। पुस्तकों के लेखक का ऋण नए पुस्तक रचकर ही दिया जा सकता है। कवि दिनेश्वर प्रसाद कल्प ने सक्रिय रचना कार्य कर लेखकों के ऋण से मुक्त हो गए हैं। प्रधानाचार्य डॉ. मुश्ताक अहमद ने लोकार्पण के लिए कॉलेज सभागार के चयन के लिए हिदी समाहार मंच के प्रति आभार व्यक्त करते हुए अतिथियों का स्वागत किया। डॉ. सतीश कुमार सिंह ने कवि की सराहना करते हुए कहा कि सेवानिवृति के पश्चात बहुत कम लोग सक्रिय लेखन का कार्य करते हैं। कल्पजी इस मायने में युवाओं के प्रेरणास्त्रोत हैं। कवि दिनेश्वर प्रसाद कल्प ने पुस्तक की कुछ कविताओं का सस्वर पाठ कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए किरण शंकर प्रसाद ने कहा कि कविता संग्रह कब पलेगी पत्थरों में जान देशभक्ति, जीवन-लालसा और प्रकृति का काव्य है। कार्यक्रम में दीनानाथ लाल, सतीश चंद्र भगत, प्रो. प्रीति त्रिपाठी, आशीष कुमार, संजय कुमार आदि ने भी कविता पाठ किया। संचालन हिदी समाहार मंच के सचिव अमिताभ कुमार सिंहा व धन्यवाद ज्ञापन मंच के पूर्व अध्यक्ष बैद्यनाथ प्रसाद सिंह ने किया।

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