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भागवत कथा से ही मनुष्य का कल्याण

बिरौल प्रखंड के कमलपुर दसौत स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर के प्रांगण में चल रहे भागवत कथा के पांचवे दिन कथावाचक पुंडरीकजी महाराज ने कहा की भागवत कथा से ही मनुष्य का कल्याण हो सकता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 12:32 AM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 06:27 AM (IST)
भागवत कथा से ही मनुष्य का कल्याण
भागवत कथा से ही मनुष्य का कल्याण

दरभंगा । बिरौल प्रखंड के कमलपुर दसौत स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर के प्रांगण में चल रहे भागवत कथा के पांचवे दिन कथावाचक पुंडरीकजी महाराज ने कहा की भागवत कथा से ही मनुष्य का कल्याण हो सकता है। उन्होंने भगवान के विभिन्न अवतारों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि जब-जब मानव जीवन पर खतरा हुआ तब-तब भगवान का अवतार हुआ। रामचरितमानस की पंक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा कि जब-जब होई धरम की हानि, बारहि असुर अधम अभिमानी। तब-तब धरी प्रभु मनुज शरीरा, हरहि कोटि भव बंधन पीड़ा। कहा की भगवान को भी पृथ्वी पर पुत्र के रूप में बुलाया जा सकता है। उन्होंने इसी क्रम में वामन अवतार की कथा पर चर्चा करते हुए कहा कि जब असुरराज महादानी बलि को अपने दानवीर होने का गर्व हो गया तो भगवान ने वामन अवतार लेकर उससे दान में मात्र तीन डेग भूमि मांगी और एक डेग में पृथ्वी दूसरे डेग में आकाश माप लिया। विवश होकर तीसरे डेग के लिए बलि को अपना सिर आगे करना पड़ा। मोके पर व्यास बाबा गौरी शंकर झा, शिव शंकर राय, सुरेंदर राय, दिवाकांत राय, माधव राय, कृष्ण कुमार राय आदि उपस्थित थे।

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