सारे मिथक तोड़ बेटियों के लिए प्रेरणा बनीं अमीषा
बेटियों के लिए घर की दहलीज से बाहर निकलकर अपनी पढ़ाई पूरी करना ही किसी पिता के लिए गर्व की बात होती है।
दरभंगा। बेटियों के लिए घर की दहलीज से बाहर निकलकर अपनी पढ़ाई पूरी करना ही किसी पिता के लिए गर्व की बात होती है। लेकिन जब कोई बेटी पढ़ाई के साथ-साथ खेल की विधाओं में पारंगत हो, ऐसा विरले ही देखने को मिलता है। लेकिन दरभंगा के हावीभौआर गांव की बेटी अमीषा कुमारी अंशु समाज के इस मिथक को तोड़ एक नया इतिहास लिखने की ओर अग्रसर है। अमीषा साधारण परिवेश में पली-बढ़ी। आर्थिक अभाव में अमीषा ने कभी अपने सपने को टूटने नहीं दिया। पढ़ाई के साथ-साथ खेल मैदान पर उसने पिछले तीन वर्षों में अपने सपनों को पूरा करने के लिए जी-तोड़ मेहनत की, जमकर पसीना बहाया। इधर, बेटी के सपने को पूरा करने में माता-पिता ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। अमीषा के पिता गोपी रमण चौधरी पेशे से वकील एवं किसान हैं। उन्होंने कभी अपने अभाव का भाव चेहरे पर नहीं आने दिया। बच्चों की खुशी और उनके सपने को पूरा करने के लिए वे दिन-रात प्रत्यनशील रहे। विपरीत परिस्थितियों में भी गोपी रमण ने अमीषा को खेल छोड़ने का दबाव नहीं दिया। अमीषा की लगन और मेहनत रंग लाई और उसका चयन बिहार महिला क्रिकेट टीम में हुआ। अमीषा को टीम का उपकप्तान बनाया गया है। अमीषा की इस सफलता से न केवल उनके परिजन खुश हैं, बल्कि पूरे हावीभौआर गांव में खुशी का माहौल है। अमीषा की दादी देवतारणी देवी की मानें तो वह बचपन से ही होनहार थी। उसने मैट्रिक तक की पढ़ाई गांव से ही की। इसके बाद पढ़ाई के लिए दरभंगा चली गई।
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दो बार लनामिविवि का किया प्रतिनिधित्व
पूर्वी क्षेत्र अंतर विवि महिला क्रिकेट प्रतियोगिता में अमीषा ने दो वर्ष तक लनामिविवि का प्रतिनिधित्व कप्तान के रूप में किया है। क्रिकेट के अलावा अमीषा जूडो-कराटे और पें¨टग भी अच्छा कर लेती है। पिछले तीन वर्षों से वह डॉ. नागेन्द्र झा स्टेडियम में प्रतिदिन 6 घंटे पसीना बहाती रही। अमीषा ने पढ़ाई के साथ-साथ खेल को भी जारी रखा। उनका त्याग और परिश्रम रंग लाया और जिला से उठकर आज वह राज्य का प्रतिनिधित्व करने की ओर अग्रसर है।
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फीजिक्स से एमएससी कर रही अमीषा
अमीषा ने स्थानीय सीएम साइंस कॉलेज से बीएससी फीजिक्स ऑर्नस से अपनी पढ़ाई पूरी की। इसके बाद अब फीजिक्स में ही एमएससी कर रही है। फिलहाल द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा है। पिता गोपी रमण ने बताया कि अमीषा पढ़ाई में हमेशा अव्वल रही। बीएससी में उसका पहला स्थान रहा। खेल के साथ-साथ वह प्रतिदिन 6 से 8 घंटे पढ़ाई करती है। दो बहन और एक भाई में मंझली बेटी अमीषा की बड़ी बहन श्वाति कुमारी भी एमएसएसी फीजिक्स से कर रही है। वहीं, भाई प्रतीक कुमार चौधरी इंटर का छात्र है।
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गांव में खुशी का माहौल
अमीषा की इस सफलता से आज पूरा गांव खुशी से झूम रहा है। प्रखंड प्रमुख मनोज मिश्र ने बताया कि अमीषा के बिहार महिला क्रिकेट टीम के उप कप्तान बनाए जाने से हावीभौआर गांव ही नहीं पूरे बिहार की महिलाओं को गर्व है। ग्रामीण व पूर्व जिला पार्षद गजेन्द्र झा गज्जू ने कहा कि अमीषा ने गांव ही नहीं पूरे बेनीपुर का नाम रौशन किया है।
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भुवनेश्वर में अपना जलवा बिखेरेगी अमीषा
अमीषा 1 से 20 दिसंबर तक उड़ीसा के भुवनेश्वर में आयोजित वन डे मैच में भाग लेंगी।