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शराब धंधेबाजों के किगपिन के खिलाफ होगी कार्रवाई : आइजी

दरभंगा। मिथिला क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक अजिताभ कुमार ने शुक्रवार को शराब के अवैध धंधे

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 12:36 AM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 12:36 AM (IST)
शराब धंधेबाजों के किगपिन के खिलाफ होगी कार्रवाई : आइजी
शराब धंधेबाजों के किगपिन के खिलाफ होगी कार्रवाई : आइजी

दरभंगा। मिथिला क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक अजिताभ कुमार ने शुक्रवार को शराब के अवैध धंधे से जुड़े मामलों की समीक्षा की। इनमें रेंज के समस्तीपुर जिले के दलसिंहसराय और वारिसनगर थाना सहित मधुबनी जिले के नगर थाने क्षेत्र में पटना टीम द्वारा की गई शराब जब्ती के मामले में अबतक क्या कार्रवाई की गई, इसकी जानकारी ली। तीनों थानाक्षेत्र से संबंधित अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को आइजी ने स्पष्ट रूप से कहा कि सिर्फ ट्रक के चालक और खलासी को पकड़ने से अनुसंधान पूरा नहीं होता। शराब की खेप किन धंधेबाजों ने मंगाया और कौन भेजने का काम कर रहा है, इसकी पूरी जानकारी चाहिए। वह भी पूरे साक्ष्य के साथ। इसके बाद ही शराब धंधेबाजों पर नकेल लगाया जा सकता है। तीनों मामलों में हजार लीटर से अधिक शराब जब्त की गई थी। लेकिन, शराब कारोबार का असली किगपिन अब भी पकड़ से बाहर है। ऐसी स्थिति में आइजी ने अनुसंधानक और पर्यवेक्षणकर्ताओं को अंतिम छोर तक अनुसंधान करने का आदेश दिया। कहा कि दूसरे राज्य से अगर मामला जुड़ा है तो वहां जाकर जांच करें। इससे शराब की खेप भेजने वाले और मंगाने वाले धंधेबाजों का नाम और पता का खुलासा होगा। साक्ष्य जुटाने के लिए उन्होंने समय देने को कहा। कागजी खानापूर्ति करने से उन्होंने बचने को कहा। अनुसंधान कैसे करना है, किन-किन बिदुओं की पड़ताल करनी है, आरोपितों को कैसे सजा दिलाई जाए इसे लेकर कौन-कौन साक्ष्य की जरूरत पड़ेगी इन तमाम बातों को लेकर आइजी ने कई टिप्स देने का काम किया। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी अगर दिए गए निर्देश का पालन नहीं हुआ तो दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

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सरकारी योजनाओं में गबन और भ्रष्टाचार मामले में दिया प्रशिक्षण :

आइजी अजिताभ कुमार ने बताया कि सरकारी योजनाओं में गबन और भ्रष्टाचार को लेकर भी अधिक मामले दर्ज हो रहे हैं। ऐसे में अनुसंधानकों को किन-किन बिदुओं पर ध्यान रखना है इसे लेकर प्रशिक्षण देने की बात कही। उन्होंने कहा कि आपराधिक मामले में अनुसंधान करने का अलग तरीका होता है। लेकिन, विभागीय मामले में कागजी जानकारी की जरूरत है। इसे लेकर मिथिला क्षेत्र के सभी एसडीपीओ और संबंधित अनुसंधानकों को प्रशिक्षण देने की बात कही।

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