आइसोलेशन वार्ड में बदले गए 17 कोच, नहीं हुआ उपयोग
दरभंगा। समस्तीपुर मंडल अंतर्गत दरभंगा जंक्शन पर 17 कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया गया था। इसमें प्रति कोच दस हजार रुपये खर्च आए थे। बता दें कि जंक्शन के डिपो में सभी कोचेज को करीब दो लाख रुपये खर्च कर आइसोलेशन वार्ड में बदला गया था।
दरभंगा। समस्तीपुर मंडल अंतर्गत दरभंगा जंक्शन पर 17 कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया गया था। इसमें प्रति कोच दस हजार रुपये खर्च आए थे। बता दें कि जंक्शन के डिपो में सभी कोचेज को करीब दो लाख रुपये खर्च कर आइसोलेशन वार्ड में बदला गया था। लेकिन, इनमें एक भी प्रवासी को क्वारंटाइन नहीं किया गया। सभी कोचेज को आइसोलेशन वार्ड के रूप में काम में लेना था। आखिरकार, सभी 17 कोचेज को पुन: श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में लगा दिया गया। अब लोगों के मन में सवाल है कि आखिर जब आइसोलेशन वार्ड का इस्तेमाल करना ही नहीं करना था, तब लगभग दो लाख रुपये इन कोचेज में खर्च करने का क्या मतलब बनता है। प्रत्येक कोच पर दस हजार रुपये आए थे खर्च :
समस्तीपुर रेल मंडल के विभिन्न स्टेशनों से दरभंगा जंक्शन के लिए 17 नॉन एसी कोच मंगाए गए थे। सभी कोचेज को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया गया था। प्रति कोच आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करने के लिए रेलवे को दस हजार रुपये खर्च करने पड़े। दस हजार रुपये सिर्फ सामानों की खरीदारी में खर्च हुए हैं। आइसोलेशन बोगियों में नहीं रखे गए संदिग्ध :
जंक्शन के डिपो में बीते दो अप्रैल से नॉन एसी 17 कोच को आइसोलेशन वार्ड में बदलने की कवायद शुरू की गई थी। सभी बोगियों को कोचेज को आइसोलेशन वार्ड में बदला गया। बता दें कि इन साठ दिनों में एक भी संदिग्ध व्यक्तियों को क्वारंटीन नहीं किया गया। वहीं, मिल रही जानकारी के मुताबिक सभी कोचेज को समस्तीपुर रेल मंडल के निर्देश पर श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में जोड़ा गया है।
स्टेशन के निदेशक बलराम ने बताया कि सभी 17 आइसोलेशन कोच से सामानों को सुरक्षित तरीके से खोलकर हटाया गया है। कोचेज को समस्तीपुर मंडल के आदेशानुसार श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में लगाने के लिए रेल मंडल भेजा गया है।