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डीएमसीएच में अनुपस्थित मिले 15 चिकित्सक, वेतन पर लगी रोक

जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने शनिवार को दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल का औचक निरीक्षण किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Jun 2019 11:56 PM (IST)Updated: Sun, 02 Jun 2019 06:40 AM (IST)
डीएमसीएच में अनुपस्थित मिले 15 चिकित्सक, वेतन पर लगी रोक
डीएमसीएच में अनुपस्थित मिले 15 चिकित्सक, वेतन पर लगी रोक

दरभंगा। जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने शनिवार को दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। बारी-बारी से इमरजेंसी वार्ड एवं सभी ओपीडी, फार्मेसी आदि में जाकर वहां के क्रियाकलाप को देखा। उपस्थित चिकित्सकों एवं कर्मियों को सेवा में सुधार लाने का निर्देश दिया। सबसे पहले आपातकालीन चिकित्सा वार्ड गए। वार्ड में एक डॉक्टर अनुपस्थित पाए गए। मेडिसीन, सर्जरी, ऑर्थोपेडिक, आई एवं ईएनटी, शिशु विभाग, डेंटल, मनोरोग आदि ओपीडी के वार्डों में जाकर वहां पर उपलब्ध चिकित्सीय व्यवस्था का अवलोकन किया। डीएमसीएच में पूर्वाह्न 9.30 बजे तक 784 मरीजों का निबंधन हुआ था। ओपीडी की रोस्टर ड्यूटी के अनुसार कई वार्डों में 15 चिकित्सक अनुपस्थित पाए गए। जिसमें इमरजेंसी, ऑर्थोपेडिक, आई एवं ईएनटी और मनोरोग के एक-एक, सर्जरी के सात एवं डेंटल वार्ड के चार चिकित्सक शामिल हैं। डीएम ने इसे स्वास्थ्य सेवा में बड़ी लापरवाही मानते हुए अनुपस्थित चिकित्सकों से स्पष्टीकरण पूछने एवं उनके एक दिन के वेतन भुगतान पर रोक लगाने का निर्देश दिया। उन्होंने अस्पताल अधीक्षक को सभी वार्डों में डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने को कहा। ओपीडी में डॉक्टर एवं पारा मेडिकल स्टाफ को ठीक 8 बजे पूर्वाह्न उपस्थित हो जाने का निर्देश दिया है। ओपीडी में ही डॉक्टर, पारा मेडिकल स्टाफ को उपस्थिति पंजी में हाजिरी अंकित करने को कहा गया। अस्पताल अधीक्षक को कहा गया कि डॉक्टरों की रोस्टर ड्यूटी स्पष्ट होनी चाहिए। इस दौरान प्राचार्य डॉ. एचएन झा, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. बालेश्वर सागर, डॉ. मणिभूषण शर्मा आदि मौजूद रहे। वरीय चिकित्सकों में रही हड़कंप की स्थिति :

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इधर, डीएम के निरीक्षण की खबर सुन वरीय चिकित्सकों में हड़कंप की स्थिति रही। कई चिकित्सकों को आनन-फानन में पहुंचते देखा गया। बताते हैं कि ज्यादातर वरीय चिकित्सकों को निजी प्रैक्टिस से फुर्सत नहीं है। पूरी व्यवस्था पीजी एवं जूनियर डॉक्टरों पर निर्भर है। इसको लेकर प्राचार्य एवं अधीक्षक कई बार अपनी नाराजगी प्रकट कर चुके हैं। लेकिन, कार्यशैली में अपेक्षित सुधार नहीं दिख रहा है।


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