गबन के आरोप में शाखा प्रबंधक समेत दो गिरफ्तार
बक्सर। दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के आशापड़री शाखा में करोड़ों रुपये गबन करने के आरोपित शाखा प्रबंधक रविशंकर सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने स्थानीय एक शिक्षक को भी गिरफ्तार किया है जिसके खाते में ग्राहकों के खाते से 40 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे। फिलहाल इस मामले में बैंक के विजिलेंस टीम की जांच लगातार जारी है वहीं पुलिस अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी में लगी है।
बक्सर। दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के आशापड़री शाखा में करोड़ों रुपये गबन करने के आरोपित शाखा प्रबंधक रविशंकर सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने स्थानीय एक शिक्षक को भी गिरफ्तार किया है, जिसके खाते में ग्राहकों के खाते से 40 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे। फिलहाल, इस मामले में बैंक के विजिलेंस टीम की जांच लगातार जारी है, वहीं पुलिस अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी में लगी है।
पूरी घटना का खुलासा करते पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार सिंह ने बताया कि दबि ग्रामीण बैंक की आशा पड़री शाखा से राशि गबन के बाद क्षेत्रीय प्रबंधक विकास कुमार भगत के बयान पर तीन जून को 1.9 करोड़ के बैंक राशि गबन की प्राथमिकी सिमरी थाना में दर्ज कराई गई थी, जिसमें शाखा प्रबंधक रविशंकर सिंह समेत पांच लोगों पर आरोप लगाया गया था। प्राथमिकी दर्ज होने के साथ ही प्रशिक्षु डीएसपी आशुतोष कुमार के नेतृत्व में एसआइटी का गठन कर अनुसंधान की जिम्मेवारी दी गई थी। अनुसंधान के क्रम में आरोपित शाखा प्रबंधक को पटना से रविवार को गिरफ्तार करने के बाद बक्सर लाकर उससे पूछताछ की गई। शाखा प्रबंधक के निशानदेही तथा बैंक विजिलेंस टीम से मिले साक्ष्य के आधार पर स्थानीय शिक्षक रविशंकर श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया गया। शिक्षक के खाता में ग्राहकों के खाता से पैसा निकाल कर 40 लाख रुपये डाले गए थे। जांच के क्रम में बैंक के खाताधारक सतीश कुमार, किरण कुमारी तथा विनोद राय के खाता से ट्रांसफर किए गए पैसों में से अब तक 62.84 लाख रुपये विभिन्न खातों में प्राप्त करने के बाद अमाउंट समेत खाता को फ्रीज करने के लिए बैंक को निर्देश दिया गया है। वहीं गिरफ्तारी के दौरान रविशंकर सिंह के पास से 82 हजार रुपया अलग से बरामद किया गया है। एसपी ने बताया कि अब तक कितनी राशि गबन की गई है इस संबंध में बैंक की जांच टीम द्वारा अगला रिपोर्ट दिए जाने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। मामले में नामजद अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा उन सभी के संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी की जा रही है।
बताते चलें कि दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक की आशा पड़री शाखा में वहां के शाखा प्रबंधक द्वारा ही ग्राहकों के करोड़ों रुपये निकालकर अपने सगे संबंधियों के खाते में ट्रांसफर कर गबन करने का मामला सामने आया था। दरअसल गांव की एक महिला कलावती देवी जब पैसे निकासी के लिए बैंक पहुंची तो शाखा प्रबंधक उसे टालते हुए शाम तक बैठाए रखा। महिला के दूसरे दिन आने के पहले भेद खुल जाने के डर से शाखा प्रबंधक रविशांकर सिंह पहले ही फरार हो गया था। दूसरे दिन जब महिला बैंक पहुंची और खाता से पैसा निकालने के दौरान कैशियर द्वारा खाता में पैसे नहीं होने की जानकारी दी गई कि इतना सुनते ही महिला शोर मचाने लगी और इसके बाद हुए बवाल के बाद पता चला कि कई लोगों के खातों से हेराफेरी करते हुए करोड़ों रुपये अवैध तरीके से निकाल लिए गए हैं। जांच में यह सामने आया कि यह सारी करतूत शाखा प्रबंधक की ही थी। -लिक फेल का करता था बहाना
एसपी ने बताया कि शातिर शाखा प्रबंधक जालसाजी का भांडा फूटने से बचने के लिए कई तरह के उपायों में एक साथ लगा था। जब भी कोई बैंक उपभोक्ता खाता में जमा पैसों के बारे में जानने के लिए आता था तब शाखा प्रबंधक लिक फेल होने का बहाना बनाकर उन्हें टाल देता था। दूसरी तरफ खाता से पैसा निकासी की मोबाइल द्वारा सूचना नहीं जा सके इसके लिए खाता से लिक मोबाइल को हटा दिया करता था, जिससे किसी भी उपभोक्ता के खाता की अद्यतन स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाती थी। -चेन सिस्टम से खाता करता था ट्रांसफर
एसपी ने बताया कि शाखा प्रबंधक से पूछताछ तथा बैंक खातों की जांच से जो सामने आया है उसके अनुसार रविशंकर कभी भी ग्राहकों के खाता से पैसा निकालने के बाद सीधे अपने सगे संबन्धियों के खाते में पैसा नहीं डालता था। बल्कि, चेन सिस्टम के अनुसार पहले एक खाता में ट्रांसफर करता था, फिर उसमें से दूसरे और तीसरे के बाद अपने सगे संबंधियों के खाता में पैसा ट्रांसफर करता था। जिससे एकबारगी जांच में सीधे उसके उपर कोई आरोप लगाने की सोंच भी नहीं सकता था। पर बैंक की विजिलेंस टीम की जांच में उसकी सारी कारगुजारी खुलकर सामने आ गई। -शेयर मार्केट का लगा था चस्का
एसपी ने बताया कि पूछताछ में यह स्पष्ट हो चुका है कि गबन के आरोपित शाखा प्रबंधक को शेयर मार्केट से एक ही दिन में करोड़पति बन जाने का चस्का लगा हुआ था। अपने इसी उद्देश्य क पूर्ति के लिए उसने ग्राहकों के बैंक खातों से छेड़छाड़ कर पैसे ट्रांसफर करना शुरू किया था। पर इसके चक्कर में अपने साथ अपने पूरे परिवार को बर्बाद करने के साि ही कई लोगों के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगाता चला गया । -बैंक को पहले से थी जानकारी
एसपी ने बताया कि बैंक में गबन की जानकारी पुलिस को तो तीन जून को मिली है। उसके पहले ही बैंक के अधिकारियों को इसकी भनक लग चुकी थी, और प्रथम ²ष्टया जांच में शाखा प्रबंधक को दोषी पाए जाने के बाद 31 मई को ही बैंक अधिकारियों ने शाखा प्रबंधक रविशंकर सिंह को निलंबित कर दिया था। इसके बाद पुलिस को जब सूचना दी गई तब पुलिस अपने काम में लगते हुए महज तीन दिन के अंदर अपराधी को पकड़कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। -अन्य कर्मचारियों पर भी गिरेगी गाज
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बैंक राशि गबन की जांच अभी प्रारंभिक स्टेज में है। अब तक की जांच में सिर्फ यह पता लगाया जा रहा है कि कितने ग्राहकों के खाते से कितनी राशि की गबन की गई है। इस जांच के पूरी हो जाने के बाद शाखा प्रबंधक के इस कुकृत्य में किन-किन लोगों की सहभागिता थी, इसकी जांच की जाएगी। उस जांच में जो भी दायरे में आएंगे सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।