भूत-प्रेत ने पकड़ा हो, या हो इश्क की बीमारी, चले आइए बिहार, यहां होगा इलाज
आज भी अंधविश्वास का यह आलम है कि भूत-प्रेत, चुड़ैल का साया हो या इश्क की बीमारी लगी हो, लोग इलाज कराने की बात करते हैं। बक्सर के चौसा में तो इसके इलाज औऱ दवा का दावा किया जाता है।
बक्सर [चंद्रकांत निराला]। अंधविश्वास किस तरह से पूरे परिवार पर भारी पड़ता है यह अभी पूरे देश ने दिल्ली के बुराड़ी में देखा है। इसके बावजूद अंधविश्वास के प्रति लोगों को जागरूक करने की कोई पहल नहीं होती। चौसा में तकनीक और सूचना क्रांति के दौर में कुछ इंसान भूत को भगाने का दावा कर रहे हैं।
वह भी किसी एक प्रकार के भूत नहीं विभिन्न प्रकार के भूत, पिशाच, चुड़ैल, डायन एवं प्यार-मोहब्बत के भूत को भी भगाने का दावा किया जा रहा है। मजे की बात तो यह है कि यहां एंटी भूत दवाइयां भी दी जा रही हैं। दावा किया जा रहा है कि इन दवाइयों के नियमित सेवन से वर्षों से इंसानी शरीर के अंदर डेरा जमाए भूत ह$फ्तों और महीनों में भाग जाएंगे।
तंत्र-मंत्र से करते हैं भूतों को भगाने का दावा
चौसा गंगा पंप नहर कैनाल के समीप ब्रम्हस्थान इन दिनों अंधविश्?वास करने वालों से पटा हुआ है। यहां तांत्रिक दावा करते हैं कि वह अपनी तंत्र-मंत्र की शक्ति से भूतों को भगा सकते हैं। यही नहीं उनके द्वारा भूत प्रेत बाधा से ग्रस्त रोगियों को उनके रोगों की दवा भी दी जाती है।
मजे की बात तो यह है कि अलग-अलग परेशानियों से ग्रसित लोगों को अलग अलग किस्म की दवाई दी जाती है। मसलन अगर किसी को भूत ने पकड़ा है तो उसे भूत-दाना, किसी को पिशाच ने पकड़ा है तो उसे पिशाच-दाना जैसी दवाएं दी जाती है।
वहीं, इश्क के बीमारों को ठीक करने की भी दवाएं यहां उपलब्ध हैं। रविवार को यहां अपने परिवार के साथ आई एक महिला ने बताया कि उसकी भतीजी अपने पड़ोसी के प्यार में पड़ गई है, जिससे छुटकारा दिलाने वे लोग यहां आए हैं।
पढ़े लिखे लोग भी अंधविश्वास के जाल में
यहां आने के बाद लोगों के कष्ट भले ही दूर नहीं हों, लेकिन अंधविश्वास की बेडिय़ों में जकड़े सैकड़ों लोगों में पढ़े-लिखे और समृद्ध परिवार भी शामिल रहते हैं। हैरानी की बात है कि अपने घरों की महिलाओं पर तांत्रिक द्वारा झाड़ू की मार के बीच भूत भगाने का खेल देखते रहते हैं।
यहां कुछ लोगों से बात करने की कोशिश की गई तो वे लोग कतराते रहे। हालांकि, बहुत प्रयास करने पर उनमें से एक सासाराम से आए शिक्षक कनक प्रसाद ने बताया कि वे घरेलू समस्या को लेकर यहां आए हैं और यह अपना-अपना विश्वास है। जब उनसे पूछा गया कि क्?या यही आप बच्चों को भी सिखाएंगे तो उन्होंने चुप्पी साध ली।
बिना परमिशन के ही खुल गई है भूतों की दवा की दुकान
यहां बैठने वाले तांत्रिक तंत्र मंत्र से इलाज करने के पश्चात रोगियों को बाजाप्ता दवाएं भी लिखते हैं। हालांकि, ये दवाएं आम मेडिकल स्टोर पर नहीं मिलती है बल्कि इनके लिए एक विशेष मेडिकल स्टोर भी ब्रम्ह स्थान के पास खोला गया है, जहां पिशाच दाना, भूत दाना, नामक दवाओं के पैकेट रखे रहते हैं। तांत्रिक किसी प्रोफेशनल डॉक्टर की तरह दुकान की ओर इशारा कर दवा लेने को कहते हैं।
हर महीने होती है अलग-अलग तांत्रिकों की पारियां
इस ब्रह्म स्थान पर हर माह अलग-अलग तांत्रिकों की पारियां निर्धारित होती है। इस माह तांत्रिक नरेंद्र मिश्रा के दिशा-निर्देश में यहां विभिन्न प्रकार के रोगियों का इलाज किया जा रहा था। तांत्रिक ने दावा किया कि उनके द्वारा भूत प्रेत तथा मानसिक रोगियों के साथ साथ लकवाग्रस्त तथा अन्य असाध्य रोगियों को भी ठीक किया जा चुका है। हालांकि, संवाददाता ने भीड़ में कई लोगों से बात की तो किसी ने यह नहीं कहा कि उन्हें फायदा हुआ है, लेकिन सुनी-सुनाई बातों में वे यहां आए हैं।
सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा-
इस तरह की कोई भी गतिविधि जिसमें कोई व्यक्ति किसी तंत्र-मंत्र से बीमारी का इलाज करने अथवा किसी भूत-प्रेत को भगाने का दावा करता है तो इसे आपराधिक कृत्य माना जाएगा तथा इस तरह के मामलों की जानकारी मिलने के बाद ऐसे लोगों के विरुद्ध पुलिस के सहयोग से कारवाई की जाएगी।
कृष्ण कुमार उपाध्याय, सदर अनुमंडल पदाधिकारी, बक्सर।