बंद के अफवाह पर रेलवे स्टेशन पर रही तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था
बक्सर शुक्रवार को सुबह के तीन बज रहे थे तभी एक के पीछे एक अनगिनत पुलिस वाहन अचानक डु

बक्सर : शुक्रवार को सुबह के तीन बज रहे थे तभी एक के पीछे एक अनगिनत पुलिस वाहन अचानक डुमरांव स्टेशन पर पहुंचने लगे। कोरानसराय, नावानगर, सिकरौल, सोनवर्षा, नया भोजपुर ओपी, डुमरांव के अलावा देखते ही देखते आरपीएफ और जीआरपी बक्सर के थानाध्यक्ष भी स्टेशन पर पहुंच गए और स्टेशन पहुंचते ही चारों तरफ फैल गए। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर अचानक इतनी तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था क्यों और किसलिए?
इधर साथ मौजूद पुलिस पदाधिकारी खुद सुरक्षा व्यवस्था का मोर्चा संभालने में लग गए जबकि पुलिस के जवान स्टेशन पर फैलकर चहलकदमी करने लगे। देखने से ऐसा ही प्रतीत होता था मानो पुलिस किसी बड़े मुठभेड़ के लिए घेराबंदी में जुटी है। स्टेशन पर मौजूद हर व्यक्ति माजरा समझने की कोशिश में लग गया। पता चला कि अग्निपथ के विरोध में कुछ छात्र संगठनों ने बिहार बंद का प्रस्ताव दिया है। इसको देखते हुए किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पुलिस पूरी तैयारी के साथ आई है। इस दौरान पश्चिमी तथा पूर्वी रेलवे गुमटी समेत प्लेटफार्म के पश्चिमी एवं पूर्वी छोर पर भारी संख्या में पुलिस के जवानों ने कब्जा कर लिया। बताया जाता है कि विशेष सुरक्षा व्यवस्था के लिए दिल्ली पुलिस लाइन से भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को बुलाया गया था, जिनमें महिला पुलिसकर्मियों की संख्या भी अच्छी थी। बुकिग खिड़की, पैनल रूम, पूछताछ कार्यालय और स्टेशन पर रुकने वाली ट्रेनों की सुरक्षा विशेष रूप से की गई थी। हालांकि उम्मीद के अनुरूप कोई भी छात्र संगठन बिहार बंद के लिए सामने नहीं आया। पुलिस की पैनी नजर स्टेशन पर मौजूद नौजवान बच्चों के हर एक गतिविधियों को ताड़ रही थी। वैसे आने जाने वाले किसी पर कोई प्रतिबंध नहीं था। अलबत्ता सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस वाले पब्लिक के लिए सहयोगी बनकर खड़े थे। दिन के 11:00 बजे तक महत्वपूर्ण ट्रेनों के जाने के बाद ही पदाधिकारियों के साथ पुलिस जवानों का स्टेशन से जाने का सिलसिला शुरू हुआ। पुलिस के जाने के बाद भी उनकी एक्टिविटी और कड़े तेवर की चर्चा रेल यात्रियों की जुबान पर बनी रही।
Edited By Jagran