फिर पहले जैसा इस्तेमाल होने लगा पॉलीथिन बैग
बक्सर राज्य सरकार द्वारा पॉलीथिन पर पूर्ण रूप से रोक लगाए जाने के बाद भी इसका धड़ल्ले से इस्
बक्सर : राज्य सरकार द्वारा पॉलीथिन पर पूर्ण रूप से रोक लगाए जाने के बाद भी इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है। किराना दुकान से लेकर चाय की दुकानों पर इसकी भरमार लगी हुई है। चाय दुकान पर दिन भर चाय पीने वाले लोगों को प्लास्टिक के गिलास में ही चाय दिया जा रहा है।
पर्यावरण में बढ़ रहे खतरा और मानव के स्वास्थ्य पर पड़ रहे बुरे प्रभाव को देखते हुए यह फरमान जारी किया गया था कि किसी भी चाय की दुकान पर रसायनिक पदार्थ से बने किसी भी प्रकार के गिलास का उपयोग नहीं करना है। इस गिलास में चाय पीने से कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी भी होती है। प्लास्टिक के थैलों से जहां-तहां फेंक देने से मिट्टी तो प्रदूषित होती ही है। इसके अपघटन से जहरीला पदार्थ भी मिट्टी में घुल जाता है। मिट्टी के उपरी परत पर जम जाने से वर्षा का जल भी नीचे नहीं पहुंच पाता है। जिससे भूमिगत जलस्तर दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है। कोई भी गांव या बाजार की गली प्लास्टिक के थैलों से भरे होने से गंदा पानी जमा रहता है। गंदे पानी के जलजमाव से बदबूदार नालियों से कई प्रकार की संक्रामक बीमारी फैलने की संभावना बनी रहती है। रोक लगने के कुछ दिनों तक तो बंद था लेकिन विगत तीन महीने से इसका उपयोग खुलेआम किया जा रहा है। प्रशासन भी लापरवाह बना हुआ है। इसका प्रचलन क्षेत्र के चौसा पशु बाजार, यादव मोड़, गोला बाजार, सरेंजा, भलुहां बाजार, राजपुर, तियरा, संगरंव बाजार, खीरी, बन्नी बाजार, जलहरा सहित अन्य छोटी दुकानों पर भी इसका उपयोग देखा जा सकता हैं।