Move to Jagran APP

खूब की गर्जना और उम्मीद जगा बिना बरसे चले गए बादल

बक्सर। पुरानी कहावत है जो गरजते हैं वो बरसते नहीं। गुरुवार को आसमान में गहराए बादलों से यही कहावत चरितार्थ होते दिखी जब दोपहर को आसमान में गहराए बादल गर्जना कर निकल गए। इस दौरान मौसम विभाग ने भी दोपहर एक बजे से तीन बजे तक भारी बारिश का एलर्ट जारी किया लेकिन इस दौरान घुमड़ने वाले बादल नहीं पिघले। मानसून की अच्छी शुरुआत देख जिले के किसान काफी खुश थे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 06:39 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 06:39 PM (IST)
खूब की गर्जना और उम्मीद जगा बिना बरसे चले गए बादल
खूब की गर्जना और उम्मीद जगा बिना बरसे चले गए बादल

बक्सर। पुरानी कहावत है ''''जो गरजते हैं वो बरसते नहीं।'''' गुरुवार को आसमान में गहराए बादलों से यही कहावत चरितार्थ होते दिखी जब दोपहर को आसमान में गहराए बादल गर्जना कर निकल गए। इस दौरान मौसम विभाग ने भी दोपहर एक बजे से तीन बजे तक भारी बारिश का एलर्ट जारी किया, लेकिन इस दौरान घुमड़ने वाले बादल नहीं पिघले।

loksabha election banner

मानसून की अच्छी शुरुआत देख जिले के किसान काफी खुश थे। धान का बिचड़ा डालने के लिए कृत्रिम संसाधनों की आवश्यकता नहीं पड़ी। यह अलग बात है कि फुदका कीटों ने उन्हें काफी परेशान किया। जैसे-तैसे आद्रा नक्षत्र में धान की नर्सरी को भी तैयार कर लिए। अब उन्हें एक मूसलाधार बारिश का इंतजार है। बारिश नहीं होने के कारण किसान दुखी हैं। वहीं, उमस भरी गर्मी से भी राहत नहीं मिल रही। हालांकि, गुरुवार की दोपहर में जिस कदर आसमान में उमड़ते बादल अपने रौद्र रूप दिखाने शुरू किए। उसमें अच्छी-खासी बारिश होने की उम्मीद जगी हुई थी। लेकिन, मानसून के बादल दिल जलाकर निकल गए। सूत्र बताते हैं कि राजधानी समेत आसपास के जिलों में अच्छी बारिश हुई है। बादल जिला क्षेत्र में भी उमड़े, पर बूंदें नहीं गिरी। हवा में नमी के कारण उमस और गर्मी काफी है। जिससे सभी को बारिश का बेसब्री से इंतजार है। बल्कि, धान का कटोरा कहे जानेवाले इलाके में बारिश के इंतजार में रोपनी का रकबा नहीं बढ़ पा रहा है। किसान बांके बिहारी मिश्र, अवध बिहारी पांडेय, श्रीकांत ओझा आदि बताते हैं कि दो-चार दिनों के अंदर यदि माकूल बारिश हो जाती है तो धान फसल की रोपनी में काफी राहत होगी। इस बाबत कृषि केंद्र के विज्ञानी डॉ. देवकरण ने बताया कि आगामी 5 जुलाई तक बारिश होने की संभावना मौसम विशेषज्ञों ने व्यक्त की है। वहीं, किसानों को धान की नर्सरी में प्रति कट्ठे खेत के हिसाब से 15 किलोग्राम यूरिया का उपरिवेशन किए जाने की सलाह दी है। इधर, आसमान में बादल अभी भी उमड़-घुमड़ कर रहे हैं। जिससे बारिश होने की उम्मीद बनी हुई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.