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सरकार की शराब-बालू नीति से अधिक त्रस्त हैं गरीब : मांझी

बक्सर सरकार की शराब नीति और बालू नीति के कारण गरीब अधिक त्रस्त हैं। यदि शराब थोड़ी

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jul 2022 09:53 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jul 2022 09:53 PM (IST)
सरकार की शराब-बालू नीति से अधिक त्रस्त हैं गरीब : मांझी
सरकार की शराब-बालू नीति से अधिक त्रस्त हैं गरीब : मांझी

बक्सर : सरकार की शराब नीति और बालू नीति के कारण गरीब अधिक त्रस्त हैं। यदि शराब थोड़ी-थोड़ी पी जाए तो वह दवा का काम करेगी। अधिक पी जाए तो शरीर को हानि पहुंचाएगी। उक्त बातें जिला अतिथि गृह में बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री सह सभापति अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण समिति बिहार विधान सभा जीतन राम मांझी ने प्रेस वार्ता के दौरान कही। इस दौरान शराब नीति पर उन्होंने कहा कि डाक्टर भी थोड़ी सी शराब दवा के रूप में लेने के लिए बोलते हैं।

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पूर्व मुख्यमंत्री ने अग्निवीर योजना को हास्यास्पद करार दिया। उन्होंने कहा कि इस भर्ती में जाति प्रमाण पत्र मांगना अपमानजनक है। गौरतलब हो कि अनुसूचित जाति जनजाति के उत्थान के लिए गठित विधानसभा की पांच सदस्य टीम बक्सर पहुंची हुई है। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, मखदुमपुर विधायक सतीश कुमार, मनोज मंजिल, रेखा देवी व जयंती देवी शामिल हैं। एससी-एसटी छात्रावास में मिली भारी गड़बड़ी टीम ने स्थल अध्ययन यात्रा किया। यात्रा के पश्चात बताया गया कि एससी-एसटी बच्चों के लिए बने राजकीय आवासीय विद्यालय में अनियमितता पाई गई है। 285 बच्चों के नामांकन में करीब सवा सौ छात्र अनुपस्थित मिले। इनके रहने खाने के लिए आने वाली राशि कहां जाती है। इसका कुछ पता नहीं। बच्चों को मीनू के अनुसार खाना भी नहीं मिल पा रहा है। कंप्यूटर रहते हुए शिक्षा के अभाव में पढ़ाई बाधित है। जिले में नहीं हो रहा कोटा का पालन

जिला स्तर पर विभिन्न विभागों में खाली पड़े एससी-एसटी के नन गजटेड करीब 14 फीसद सीट अनुसूचित जाति जनजाति के होने चाहिए लेकिन जिला में इसका अभाव है। इसके लिए सरकार को प्रतिवेदन सौंपा जाएगा। मामलों के निष्पादन में भी लापरवाही

पूर्व सीएम ने कहा कि एससी एसटी अत्याचार मामले में जानकारी लेने पर आरक्षी अधीक्षक नीरज कुमार सिंह ने बताया कि तत्काल की घटी सभी घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई की गई है। इधर एससी एसटी कल्याण समिति ने माना कि इस अधिनियम के तहत होने वाले केस का डिस्पोजल उचित तरीके से नहीं हुआ है, जिससे यह चिता का विषय बना हुआ है। एससी-एसटी के केंद्रीय एक्ट के तहत नौकरी के दौरान हत्या या बलात्कार होने वाले पीड़ित तथा उनके परिजनों को नौकरी पेंशन व नियोजन सहित अन्य सुविधाएं मिलनी चाहिए। लेकिन यह सुविधाएं अभी मिल नहीं रही हैं। एससी-एसटी कल्याण समिति ने आम्बेडकर छात्रावास का भी निरीक्षण किया। वहां चारदीवारी सहित अन्य समस्या पाई गई। इससे पहले समिति ने जिले के विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।


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