प्रबंधक के लिए रात भर खाक छानती रही पुलिस, सुबह मिली सफलता
बक्सर दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक की आशा पड़री शाखा से करोड़ों रुपये गबन के आरोपित प्र
बक्सर : दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक की आशा पड़री शाखा से करोड़ों रुपये गबन के आरोपित प्रबंधक रविशंकर की गिरफ्तारी हो जाने के बाद पुलिस से लेकर बैंक अधिकारी तक चैन की सांस ले रहे हैं। शाखा प्रबंधक की गिरफ्तारी के लिए पीछा करते हुए पुलिस पूरी रात पटना में एक जगह से दूसरी जगह की खाक छानती रही, तब जाकर अल सुबह बख्तियारपुर से उसकी गिरफ्तारी हो सकी। गिरफ्तारी के बाद शाखा प्रबंधक से की गई विस्तृत पूछताछ में घटना से संबंधित उसने जो राज खोले हैं, उससे कई लोगों के दामन दागदार होने की संभावना है। इस बीच सूत्रों की माने तो उसकी निशानदेही पर आशा पड़री गांव से एक युवक को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ करने में जुटी है। बताते चलें कि 3 जून को दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय अधिकारी विकास कुमार भगत द्वारा थाने में शाखा प्रबंधक रविशंकर कुमार सहित अन्य चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद प्रशिक्षु डीएसपी सह थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार के नेतृत्व में गठित एसआईटी ने उसकी गिरफ्तारी के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दी। इसके लिए पुलिस अपने सभी सेल की मदद लेते हुए आरोपित प्रबंधक के लोकेशन तक पहुंचने के प्रयास में लगी थी। इस बीच तकनीकी सेल से मिली जानकारी के आधार पर एसआईटी ने पटना जिले के गोपालपुर गांव स्थित उसके पैतृक आवास पर छापेमारी की, मगर वहां न तो रविशंकर मिला और नहीं उसके पिता उमेश सिंह, रिश्तेदार रविरंजन और पत्नी आरती कुमारी ही मिली। इसके बाद बोरिग केनाल रोड स्थित 204 हिमगिरि अपार्टमेंट में छापेमारी हुई, मगर वहां भी एसआईटी को कुछ खास सफलता हाथ नहीं लगी। इस बीच प्रशिक्षु डीएसपी के सशक्त नेटवर्किंग की बदौलत एसआईटी को खुफिया इनपुट मिला कि गबन का मुख्य आरोपी प्रबंधक सैदपुर के एक हॉस्टल में छुपा हुआ है। इसके बाद पुलिस ने हॉस्टल में छापेमारी की, परंतु कुछ ही देर पहले ही वह हॉस्टल से फरार हो चुका था। हालांकि, लगातार पीछे लगी पुलिस को जैसे ही उसके बख्तियारपुर में होने का लोकेशन मिला वहां की पुलिस को अलर्ट कर नाकाबंदी करा दी गई। -अपनी ही भूल से चढ़ गया पुलिस के हत्थे
कहते हैं कि शातिर से शातिर अपराधी भी कोई न कोई गलती जरूर करता है, जिसके आधार पर पुलिस के हाथ उसकी गिरेबान तक पहुंचकर दबोच लेते हैं। संयोग से इस भागदौड़ के बीच रविशंकर ने अपनी प्रेमिका से बात करने की भूल कर दी। दरअसल रविशंकर के पीछे लगी एसआइटी ने उसका मोबाइल सर्विलांस पर ले रखा था। इस बीच जैसे ही उसने अपनी प्रेमिका से बात की,उसका लोकेशन बख्तियारपुर देखते ही पुलिस समझ गई कि वहां से अब नेपाल भागने की तैयारी में है। बस फिर क्या था, बख्तियारपुर पुलिस को अलर्ट करते हुए हर रास्ता की नाकाबंदी करा दी गई, ओर भाग रहे रविशंकर को दबोच लिया गया। -अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी बाकी
ग्राहकों की जमा राशि गबन करने की प्राथमिकी दर्ज होते ही पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास शुरू कर दिया। इस बात की जैसे ही प्रबंधक को भनक लगी कि वह लगातार अपना ठिकाना बदलने लगा। इधर एसआईटी उसे दबोचने के लिए हर हथकंडे अपनाने में लगी थी। काफी जद्दोजहद के बाद शाखा प्रबंधक को गिरफ्तार करने में पुलिस को सफलता तो मिल गई, पर अभी भी उसके पिता उमेश सिंह, पत्नी आरती देवी, रिश्तेदार रवि रंजन सहित कई अन्य लोगों की गिरफ्तारी होनी बाकी है और यह पुलिस के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। हालांकि, प्रशिक्षु डीएसपी का मानना है की घटना में प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से शामिल सभी लोगों को पुलिस बहुत जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजेगी। -बैंक में सुरक्षित है ग्राहकों की जमा राशि :
बैंक में ग्राहकों द्वारा जमा की गई हर राशि पूरी तरह सुरक्षित है तथा उसे ब्याज के साथ लौटाया जाएगा। घटना से ग्राहकों को घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस की जानकारी देते हुए क्षेत्रीय अधिकारी विकास कुमार भगत ने बताया कि बैंक ग्राहकों के साथ विश्वास की परंपरा को टूटने नहीं देगा। विभागीय विजिलेंस टीम जांच कर रही है। दो-तीन दिनों में जांच रिपोर्ट मिलते ही गबन राशि की स्वीकृति के लिए तत्काल उपाय किए जाएंगे, ताकि जल्द से जल्द ग्राहकों के खाते में उनकी जमा राशि लौटाई जा सके।