1.66 करोड़ से मुगलसराय-किउल तीसरी लाइन का होगा सर्वे
दानापुर डिवीजन के तहत आने वाले मुगलसराय-पटना-किउल रेलखंड पर तीसरी लाइन बनाई जाएगा।
बक्सर। दानापुर डिवीजन के तहत आने वाले मुगलसराय-पटना-किउल रेलखंड पर तीसरी लाइन बनाई जाएगी। इसका सर्वे कार्य अगले वित्तीय वर्ष तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस रेलखंड की लंबाई 335 किलोमीटर लंबी है। बक्सर होकर गुजरने वाले इस ट्रैक पर ट्रेनों का काफी दबाव है। ऐसे में तीसरी लाइन बिछ जाने के बाद ट्रेनों की आवाजाही सुगम तरीके से होगी।
रेलवे ने इस सर्वे के लिए एक करोड़ 66 लाख 40 हजार रुपये की राशि जारी कर दी है। सर्वे कार्य पूरा करने के बाद पूर्व मध्य रेलवे द्वारा रेल मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इसके बाद रूट पर अलग से ट्रैक बिछाने का कार्य शुरू हो सकता है। पटना-मुगलसराय रेलखंड पर तीसरी लाइन बिछाने की मांग वर्षों से की जा रही थी, लेकिन इस पर रेल मंत्रालय की चुप्पी भारी पड़ रही थी। अब इस पुरानी मांग को नए साल में पूरा करने को लेकर रेलवे पूरी तरह से गंभीर हो गया है।
335 किलोमीटर बिछेगा नया रेल ट्रैक
मुगलसराय से किउल वाया डुमरांव-पटना की दूरी 335 किलोमीटर है। यह इलाका पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर रेलमंडल में पड़ता है। रेल अधिकारियों का कहना है कि वरीय सूची में इस रेल ट्रैक को रखा गया है, क्योंकि केवल पटना से मुगलसराय के बीच पाटलिपुत्र-सोनपुर रेलवे लाइन, आरा-सासाराम रेलखंड, ताड़ीघाट-दिलदारनगर रेल ट्रैक पड़ता है। इससे अलग दिलदारनगर-मुंडेश्वरी नये रेल ट्रैक का भी सर्वे कार्य शुरू होने वाला है। ऐसे में हावड़ा-दिल्ली मार्ग पर स्थित इस रेल ट्रैक पर ट्रेनों दबाव काफी बढ़ जायेगा।
130 से 140 किलोमीटर की रफ्तार से चलेंगी ट्रेनें
इस रेलखंड पर रोजाना औसतन 156 से 160 ट्रेनें गुजरती हैं। ऐसे में हमेशा रेल ट्रैक पर बंचिग की स्थिति बनी रहती है। लाइन क्लीयर होने के इंतजार में ट्रेनें फंसी रहती हैं। इससे ट्रेनों की औसत स्पीड भी कम हो जाती है। ऐसे में नया ट्रैक अगर बन जायेगा, तो ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ जायेगी। इस रेलखंड पर भी 130 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चल सकती हैं।
पैसेंजर ट्रेनों की टाइ¨मग में भी होगा सुधार
तीसरी लाइन बिछ जाने के बाद से पैसेंजर ट्रेनों के समय में भी सुधार होगा, क्योंकि हावड़ा-नयी दिल्ली रेलमार्ग पर स्थित इस रूट पर एक्सप्रेस ट्रेनें ज्यादा है। एक्सप्रेस ट्रेनों की वजह से पैसेंजर ट्रेनें समय पर नहीं चल पाती हैं। पैसेंजर को चलाने के लिए मार्जिन ही नहीं मिलता है। इस कारण पैसेंजर ट्रेनें अक्सर लेट हो जाती हैं। इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
ईंसर्ट
पटना-मुगलसराय रेलखंड से जुड़े तथ्य
- 1925 से 52 तक ईस्ट इंडियन रेलवे कंपनी के नाम से जाना था
- 1952 से 2002 तक इस्टर्न रेलवे जोन में रहा यह डिवीजन
- 2002 में पूर्व मध्य रेलवे जोन में हुआ शामिल
- 335 किलोमीटर है मुगलसराय से किउल की दूरी
- 156 से 160 ट्रेनें गुजरती हैं रोजाना
- 211.80 किलोमीटर है पटना से मुगलसराय की दूरी