डुमरांव में पटना-कोटा एक्सप्रेस का स्थाई ठहराव सुनिश्चित
पटना-कोटा एक्सप्रेस का डुमरांव स्टेशन के आरक्षण प्रणाली में फिर से फीडिग कर दिया गया है। जिससे इस स्टेशन से यात्रा करनेवाले यात्री अब पहले की तरह इस ट्रेन में आरक्षण का लाभ ले सकेंगे। फीडिग होने से रेल यात्रियों को हो रही असुविधा से निजात मिल गई है।
बक्सर । पटना-कोटा एक्सप्रेस का डुमरांव स्टेशन के आरक्षण प्रणाली में फिर से फीडिग कर दिया गया है। जिससे इस स्टेशन से यात्रा करनेवाले यात्री अब पहले की तरह इस ट्रेन में आरक्षण का लाभ ले सकेंगे। फीडिग होने से रेल यात्रियों को हो रही असुविधा से निजात मिल गई है। दरअसल, विगत 3 सितम्बर को रेलवे के आरक्षण प्रणाली में यहां रुकने वाली पटना-कोटा एक्सप्रेस का 10 सितंबर से ठहराव दिखाना बंद कर दिया था। वहीं, स्टेशनों की लिस्ट में डुमरांव स्टेशन की जगह स्टेशन डिलीटेड दिखाने लगा था। जिसके चलते इस ट्रेन में 10 सितंबर और उसके बाद रिजर्वेशन कराने आए। यात्रियों ने काउंटर पर हंगामा करना शुरू कर दिया तथा इसको लेकर यात्रियों ने रिजर्वेशन क्लर्क से नोकझोंक भी की थी। रेल सूत्रों द्वारा इसकी सूचना मिलने पर रेल यात्री कल्याण समिति डुमरांव के अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह आरक्षण काउंटर पर जाकर इस मामले की जानकारी ली। उन्होंने यात्रियों को शांत कराते हुए तत्काल इसकी शिकायत दानापुर रेलमंडल के पीआरओ संजय प्रसाद से की। इसके कारणों को स्पष्ट करते हुए तत्काल पटना-कोटा एक्सप्रेस की फीडिग शुरू करने की मांग की। वहीं, रेल कर्मचारियों से लेकर आम रेल यात्री इस बात से आशंकित थे कि कहीं डुमरांव में 10 सितंबर से इस ट्रेन का ठहराव तो बंद नहीं हो गया।
मामले की गंभीरता को लेकर दानापुर पीआरओ ने समिति अध्यक्ष की शिकायत को त्वरित कॉमर्शियल विभाग को भेजा। जिसके आलोक में शुक्रवार से फिर इस ट्रेन का आरक्षण प्रणाली में फीडिग कर दिया गया। फीडिग होने के बाद अब यात्री डुमरांव स्टेशन से पटना-कोटा एक्सप्रेस में पहले की तरह आरक्षण का लाभ ले सकेंगे। विदित है कि रेल यात्री कल्याण समिति के अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह के ज्ञापन पर रेलवे ने डुमरांव स्टेशन पर 13237/38 पटना-कोटा एक्सप्रेस का छह माह पहले ठहराव शुरू किया था। इस ट्रेन का ठहराव होने से कोटा में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करनेवाले इस क्षेत्र के छात्रों को बड़ी सौगात मिली थी। इस ट्रेन के बंद होने की आशंका से वैसे छात्रों में गहरा आक्रोश था। मामले को स्पष्ट करते हुए सीटीआई मनोहर पासवान ने बताया कि इस ट्रेन का ठहराव शुरू में ट्रायल बेसिस पर छह माह के लिए ही दिया गया था। इसलिए आरक्षण प्रणाली में इस ट्रेन का सिर्फ छह माह के लिए ही फीडिग की गई थी। जो शिकायत मिलने के बाद वरीय अधिकारियों से मिले आदेश के आलोक में पुन: फीडिग कर दी गई है।