आरटीआई से खुली नगर परिषद में अनियमितता की पोल
स्थानीय नगर परिषद मेंखाता न बही नगर परिषद के बाबू जो कहे वही सहीवाली कहावत चरितार्थ हो रही है। इसका पर्दाफाश सामाजिक कार्यकर्ता श्रद्धानंद तिवारी द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगे गए सूचना में हुआ है। ज्ञात हो कि सामाजिक कार्यकर्ता श्रीतिवारी द्वारा गत 27 फरवरी 2013 को नगर परिषद बोर्ड की साधारण बैठक एवं गत 2
बक्सर । स्थानीय नगर परिषद में 'खाता न बही, नगर परिषद के बाबू जो कहे वही सही' वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। इसका पर्दाफाश सामाजिक कार्यकर्ता श्रद्धानंद तिवारी द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगे गए सूचना में हुआ है। ज्ञात हो कि सामाजिक कार्यकर्ता श्रीतिवारी द्वारा गत 27 फरवरी 2013 को नगर परिषद बोर्ड की साधारण बैठक एवं गत 28 जून 2013 को आहूत सशक्त स्थाई समिति की कार्यवाही की अभिप्रमाणित छायाप्रति की मांग की गई।
लेकिन, लोक सूचना पदाधिकारी द्वारा समय सीमा के अंदर सूचना उपलब्ध नहीं कराए जाने के बाद श्री तिवारी द्वारा नगर परिषद के प्रथम अपीलीय पदाधिकारी से मांग की गई। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि प्रथम अपीलीय पदाधिकारी ने अपने 8 नवम्बर, 2019 को श्री तिवारी के नाम जारी सूचना पत्र के माध्यम से सूचित किया कि नगर परिषद की कार्यवाही पुस्तिका के बाबत प्रधान सहायक दुर्गेश सिंह एवं अजय राय से पूछताछ के दरम्यान बताया गया कि कार्यवाही पुस्तिका पूर्व प्रधान सहायक जीतन सिंह यादव संधारित करते थे और अपने पास रखते थे। वहीं, कार्यपालक पदाधिकारी ने पूर्व प्रधान सहायक पूछताछ में दोनों कार्यवाही पुस्तिका पूर्व मुख्य पार्षद मोहन मिश्रा के पास मौजूद रहने की जानकारी दी। प्राप्त जानकारी के बाद पूर्व मुख्य पार्षद के यहां से दोनों कार्यवाही पुस्तिका प्रधान सहायक द्वारा नगर परिषद कार्यालय में लाया गया। गौरतलब हो कि, डुमरांव नगर परिषद कार्यालय के कर्मियों की कारगुजारी पूर्व से चर्चित है। नगर परिषद की कार्यवाही पंजी अवकाश प्राप्त कर्मी और पूर्व चेयरमैन के घर पर मौजूद होने को लेकर नागरिकों के समक्ष कई यक्ष सवाल खड़े हो गए हैं। इस मामले को लेकर वरिष्ठ नागरिक सत्यनारायण प्रसाद एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्रद्धानंद तिवारी ने कहा कि नगर परिषद में खाता न बही नप के बाबू जो कहे वही सही की कहावत चरितार्थ होती है।