वाहनों के फिटनेस टेस्ट के नाम पर होता है कोरम पूरा
बक्सर सड़कों पर चलने वाले वाहनों की स्थिति भी दुर्घटना के कारणों का निर्धारण करती है
बक्सर : सड़कों पर चलने वाले वाहनों की स्थिति भी दुर्घटना के कारणों का निर्धारण करती है। जिला परिवहन कार्यालय में हर माह तकरीबन 12 सौ वाहनों का निबंधन कराया जाता है। जिनमें दो सौ के करीब चार पहिया वाहन होते हैं उनमें 100 से ज्यादा वाहन व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए निबंधित होते हैं। जिनका फिटनेस टेस्ट कराया जाना आवश्यक होता है। जिस प्रकार से वाहनों की संख्या बढ़ रही है उस प्रकार से फिटनेस टेस्ट हो सके ऐसा संभव नहीं दिखाई दे रहा है।
दरअसल, परिवहन विभाग कई वर्षों से प्रभार में ही चल रहा है। कभी परिवहन पदाधिकारी प्रभार में होते हैं तो कभी कोई अन्य पदाधिकारी। कार्यालय में भी कर्मियों तथा पदाधिकारियों की संख्या बेहद कम है। भभुआ के यातायात निरीक्षक दिव्य प्रकाश को बक्सर जिले का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया है ऐसे में वह केवल दो दिन बक्सर पहुंचते हैं। ऐसे में दो दिनों के केवल कुछ घंटों में वह कितने वाहनों का बेहतर ढंग से फिटनेस टेस्ट कर सकते हैं यह सहज ही समझा जा सकता है। प्रभारी यातायात निरीक्षक ने बताया कि, वह केवल शुक्रवार और शनिवार को ही बक्सर पहुंच पाते हैं। ऐसे में जितना संभव होता है वह जांच करते ही हैं। हालांकि, उन्होंने बताया कि फिटनेस टेस्ट कराने को लेकर वाहन मालिक भी सचेत रहते हैं। उन्होंने बताया कि फिटनेस टेस्ट नहीं कराने पर हर दिन 50 रुपये के हिसाब से जुर्माना लिया जाता है। यातायात निरीक्षक ने यह भी बताया कि व्यवसायिक वाहनों का हर 2 साल पर फिटनेस टेस्ट कराना होता है लेकिन जैसे ही वाहन 8 वर्ष से ज्यादा पुराना हो जाता है यह टेस्ट एक साल पर ही कराना पड़ता है।
ठंड के मौसम में फॉग लाइट के साथ गति नियंत्रण को स्पीड गवर्नर लगाना अनिवार्य
उन्होंने बताया कि वाहनों को सड़क पर चलाने के लिए फिटनेस टेस्ट के साथ-साथ ट्रैफिक नियमों की बखूबी जानकारी तथा लापरवाही से वाहन चालक को भी रोकने का अनुरोध किया जाता है। उन्होंने कहा कि ठंड के मौसम में सभी वाहनों में फॉग लाइट लगाना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त स्कूली वाहनों तथा अन्य वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाया जाता है ताकि, गति सीमा नियंत्रित हो सके इसके अतिरिक्त परावर्ती टेप आदि भी लगाया जाता है। इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर ट्राली का भी निबंधन एवं फिटनेस कराना आवश्यक होता है। हालांकि, कृषि कार्य में संचालित होने वाले ट्रैक्टर की ट्राली का निबंधन व फिटनेस नहीं कराना होता है।
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा, नियमित रूप से कराते हैं फिटनेस टेस्ट
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल राय बताते हैं कि, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अधीन चलने वाले सभी व्यवसायिक वाहनों के स्वामी नियमित रूप से अपने वाहनों का फिटनेस टेस्ट कराते रहते हैं। सड़क दुर्घटना में बढ़ोतरी के लिए वह नाबालिग चालकों के हाथ में स्टेरिग तथा बगैर लाइसेंस व ट्रैफिक नियमों की जानकारी के बिना वाहनों के चालन को जिम्मेदार मानते हैं।
सड़क दुर्घटनाओं के लिए खराब सड़कें जिम्मेदार
जिला परिवहन पदाधिकारी मनोज कुमार रजक ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं के लिए खराब सड़कें भी जिम्मेदार हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर आकर मिलने वाली सड़कों तथा अन्य कई ऐसी बातें हैं जो दुर्घटना का कारण बनती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई जगह साइन बोर्ड आदि लगाए जाना आवश्यक है। साथ ही साथ निर्माण की गति को तेज किया जाना भी महत्वपूर्ण है।