बक्सर : स्थानीय प्रखंड में अभी तक सरकारी स्तर पर धान की खरीद शुरू नहीं होने से किसान मुश्किल में पड़ गए हैं। सरकारी स्तर पर धान क्रय की उदासीनता का आलम यह है कि सरकार की तरफ से धान खरीद के लिए ना तो कोई नीति निर्धारण किया गया है और ना ही धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। धान खरीद के लिए पैक्स को ना ही राशि निर्गत की गई है और ना ही खरीद के लिए निर्देश जारी किया गया है। ऐसी स्थिति में किसान औने-पौने दाम में बिचौलियों को अपना धान बेचने को विवश हो गए हैं। क्षेत्र के साहूकार भी धान खरीदने में किसानों का जमकर शोषण कर रहे है। सरकार ने एक नवंबर से ही धान खरीद की अधिकारिक घोषणा की गई है। लेकिन अभी तक कहीं भी धान की खरीद शुरू नहीं हुई है। धान की खरीदारी को लेकर पैक्स भी उदासीन बने हुए हैं। किसानों को कहना है कि प्रखंड क्षेत्र पैक्सों ने पिछले वर्ष धान की खरीदारी भी बेहतर ढंग से नहीं की थी। पिछले वर्ष भी किसानों को धान औने पौने दाम पर बेचना पड़ा था।
- औने-पौने दाम पर साहूकार खरीद रहे हैं धान सरकारी स्तर पर धान क्रय का निर्धारित मूल्य प्रति क्विटल 1850 प्रति क्विटल निर्धारित है। लेकिन धरातल पर धान क्रय का कहीं अता पता नहीं है। ऐसी स्थिति में साहूकार धान उत्पादक किसानों का जमकर शोषण कर रहे है। साहूकारों द्वारा प्रति क्विटल 1300 रुपया मूल्य में धान की खरीद की जा रही है। धान का सही रखरखाव नहीं होने तथा कोरोनावायरस संक्रमण के इस दौर में आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसान विवश होकर साहूकारों के हाथ की कठपुतली बने हैं। पूरे प्रखंड में साहूकार तत्परता के साथ धान की खरीद करने में लगे हैं। ऐसे में किसानों को भारी आर्थिक स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। प्रखंड के नेनुआ, सुरौंधा, नंदन, मुंगाव, लाखनडीहरा, अमथुआ आदि गांव में धान की अच्छी पैदावार हुई है।
कहते है बीसीओ चुनाव के कारण अभी तक सरकारी स्तर पर धान की खरीद के लिए निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। अभी तक धान खरीद का टारगेट भी निर्धारित नहीं हुआ है और ना ही खरीद के लिए सी सी राशि निर्धारित किया गया है। छठ पूजा बाद सरकारी स्तर पर धान की खरीद शुरू कर दी जाएगी।
इम्तियाज करीम बीसीओ, डुमरांव।
में कोरोना वायरस से जुडी सभी खबरे