एसएमएस और जीपीएस यंत्र लगाकर ही हार्वेस्टर का करें संचालन : डीएम
बक्सर मौजूदा समय जिले में धान की कटाई में गति आ चुकी है। जिले में प्राय किसान हार्वेस्टर
बक्सर : मौजूदा समय जिले में धान की कटाई में गति आ चुकी है। जिले में प्राय: किसान हार्वेस्टर की मदद से धान के फसल की कटाई करते हैं, और पराली को खेतों में ही जला देते हैं। इसको देखते हुए इस बार हार्वेस्टर संचालकों के लिए अलग से दिशा निर्देश जारी किए गए हैंद्व जिसके तहत हार्वेस्टर संचालक को अपने यंत्र में एसएमएस मशीन का लगाना बेहद जरूरी है। बगैर इस मशीन के फसल की कटाई करने वाले हार्वेस्टर संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस आशय का दिशा निर्देश बुधवार को जिलाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान पदाधिकारियों को दी गई। जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में सर्वाधिक धान की खेती होती है, जिनकी बड़े पैमाने पर कम्बाइंड हार्वेस्टर से कटाई की जाती है। फसल कटने के बाद प्राय: किसान खेतों में ही फसल के अवशेष जला देते हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति नष्ट होने के साथ ही वातावरण को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है। पराली प्रबंधन के लिए किसानों को यंत्रों की खरीद पर आकर्षक अनुदान दिए जा रहे हैं। पराली की समस्या को सरकार बेहद गंभीरता से ले रही है और जलाते हुए किसी के पकड़े जाने पर दंडात्मक कार्रवाई की तैयारी में है। इसकी लगातार सेटेलाइट के माध्यम से निगरानी की जा रही है। इस दौरान डीएम ने हार्वेस्टर मालिकों के लिए निर्देश जारी करते हुए कहा कि सभी संचालकों को कटाई से पहले कृषि विभाग से अनुमति लेनी होगी, इसके बाद ही वे अपना हार्वेसटर चला पाएंगे। इसके अलावा सभी हार्वेसटर संचालकों को अपने यंत्र में एसएमएस मशीन के साथ ही जीपीएस यंत्र भी लगाना अनिवार्य होगा, जिससे इस बात की निगरानी की जा सके कि हार्वेस्टर किस क्षेत्र में संचालित किया जा रहा है। बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार के अलावा सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी और हार्वेस्टर संचालक मौजूद थे।